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देश के टॉप विश्वविद्यालयों, सेना, आईटी, रेलवे में नारी शक्ति को बढ़ावा

देश के टॉप विश्वविद्यालयों, सेना, आईटी, रेलवे में नारी शक्ति को बढ़ावा

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

प्रोफेसर नईमा खातून को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) का कुलपति नियुक्‍त किया गया है। बीते करीब 100 साल के इतिहास में यह पहली बार है जब एएमयू को एक महिला कुलपति मिली है।

हालांकि, बीते कुछ समय में ऐसे कई मौके आए जब देश के सबसे बड़े विश्वविद्यालयों, शिक्षा, सेना, आईटी, प्रशासन व रेलवे में नारी शक्ति, बड़ी व मजबूत भूमिका में नजर आई है। रेलवे में कुछ ऐसी ही शुरुआत करते हुए जया वर्मा सिन्हा को केंद्र सरकार द्वारा रेलवे बोर्ड की पहली महिला सीईओ व चेयरपर्सन नियुक्त किया गया है।

1998 के पंजाब कैडर की आईएएस ऑफिसर रवनीत कौर को कंपटीशन कमीशन ऑफ़ इंडिया का चेयरपर्सन नियुक्ति किया गया। महिला सशक्तीकरण के लिए काम करने वाले संगठन इसे नारी शक्ति के उभार की दिशा में एक बड़ा कदम मानते हैं। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के 110वें एपिसोड में विशेष तौर पर नारी-शक्ति के योगदान का जिक्र किया था।

वहीं, शिक्षा और खासतौर पर केंद्रीय विश्वविद्यालय की नियुक्ति में यह तीसरा बड़ा अवसर है, जब केंद्र सरकार ने किसी महिला पर भरोसा जताया है। इससे पहले देश के सबसे बड़े विश्वविद्यालयों में शुमार दो केंद्रीय विश्वविद्यालय में भी पहली बार महिला कुलपति की नियुक्त की गई। केंद्र सरकार द्वारा नजमा अख्तर को दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया का वॉइस चांसलर नियुक्त किया गया था। जामिया के लिए यह एक बड़ा अवसर था क्योंकि उसे पहली बार एक महिला वाइस चांसलर मिली थी। वह एक भारतीय अकादमिक और अकादमिक प्रशासक रही हैं। 12 अप्रैल 2019 को वह जामिया मिलिया इस्लामिया की पहली महिला कुलपति बनीं।

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उन्होंने जामिया में 12 नवंबर 2023 तक अपनी सेवाएं दीं। क्यू एस वर्ल्ड रैंकिंग जैसी अंतर्राष्ट्रीय कंपटीशन में शानदार रैंकिंग हासिल करने वाले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय को भी इस बार शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित के रूप में पहली महिला कुलपति मिली हैं। जेएनयू में वह यह पद संभालने वाली पहली महिला हैं। इससे पहले वह सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर के रूप में कार्यरत थीं। उन्हें 7 फरवरी, 2022 को राष्ट्रपति की अनुमति से शिक्षा मंत्रालय द्वारा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के 13वें कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया था।

मौजूदा सरकार के कार्यकाल में सैन्य बलों में भी नारी शक्ति को बढ़ावा मिला है। 75वें गणतंत्र दिवस परेड में भारत की समृद्ध बढ़ती नारी शक्ति को प्रदर्शित किया गया था। परेड की शुरुआत ही महिला कलाकारों ने शंख, नादस्वरम, नगाड़ा आदि बजाते हुए मधुर संगीत के साथ की। कर्तव्य पथ पर मार्च करते हुए सभी महिलाओं की त्रि-सेवा टुकड़ी की पहली भागीदारी का भी गवाह बना थी। सलामी उड़ान (फ्लाई-पास्ट) के माध्यम से महिला पायलटों ने नारी शक्ति का प्रतिनिधित्व किया तो केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की टुकड़ियों में भी महिला कर्मी शामिल हुईं। सेना के मार्चिंग दल में मैकेनाइज्ड कॉलम का नेतृत्व करने वाली पहली सेना टुकड़ी 61 कैवेलरी की थी।

पहली बार कर्त्तव्य पथ पर मार्च करते हुए सभी महिलाओं की त्रि-सेवा टुकड़ी दिखी। इसका नेतृत्व सैन्य पुलिस की कैप्टन संध्या ने किया था। भारतीय वायु सेना की टुकड़ी का नेतृत्व स्क्वाड्रन लीडर रश्मी ठाकुर ने किया था। इसके अलावा आईटी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में भी नारी शक्ति की बढ़ती भूमिका देखने को मिली। नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज कंपनीज (नैसकॉम) ने देबजानी घोष को अपना मनोनीत अध्यक्ष नामित किया। इंटेल साउथ एशिया की पूर्व प्रबंध निदेशक घोष नैसकॉम की पहली महिला अध्यक्ष बनी थी।

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वहीं, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की पहली महिला कुलपति की बात की जाए तो प्रोफेसर नईमा खातून का तीन दशकों से भी अधिक समय का लंबा शैक्षणिक अनुभव है। उन्होंने मनोविज्ञान में डॉक्टरेट करने के उपरांत 1988 में एएमयू में ही बतौर लेक्‍चरर कार्य किया। पिछले कुछ वर्षों में, उन्होंने एएमयू में विभिन्न शैक्षणिक पदों को संभाला है। जुलाई 2014 में वह एएमयू महिला कॉलेज की प्रिसिंपल भी बनीं।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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