झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में ड्रग्स के कारोबार और अफीम की खेती पर गहरी चिंता जताते हुए इसपर रोकथाम के लिए केंद्रीय एवं राज्य की एजेंसियों को संयुक्त रूप से अभियान चलाने को कहा है।
राज्य के खूंटी जिले में अफीम के बड़े पैमाने पर खेती की रिपोर्ट्स पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की थी।
शुक्रवार को इस मामले में आगे हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार को शपथ पत्र दाखिल कर जवाब देने को कहा है कि झारखंड को ड्रग्स से कैसे मुक्त किया जा सकता है?
अदालत ने इस मामले में राज्य के गृह सचिव, डीजीपी, सीआईडी के डीजी और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को प्रतिवादी बनाया है।
अदालत ने सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से कहा कि खूंटी जनजातीय बहुल आबादी वाला जिला है और यहां से बड़े पैमाने पर अफीम उत्पादन की खबरें आ रही हैं। यह स्थिति किसी भी सभ्य समाज के लिए स्वीकार्य नहीं है।
इस मामले में पहले हुई सुनवाई के दौरान खूंटी जिले के एसपी ने कोर्ट को बताया था कि पुलिस अफीम की खेती को नष्ट करने के लिए लगातार अभियान चला रही है। पिछले वर्ष लगभग 2200 एकड़ और इस वर्ष अब तक लगभग 1400 एकड़ भूमि में लगी अफीम की फसल की नष्ट की गई है।
अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई 7 मई को मुकर्रर की है।
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Source : IANS