इंग्लैंड की क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2024 जारी की गई है। इस बार इस इंटरनेशनल रैंकिंग में रिकॉर्ड 1,559 संस्थान शामिल हैं। वहीं जिस भारत के 69 विश्वविद्यालय इसमें शामिल हैं। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) इस रैंकिंग में भारत का सर्वोच्च रैंक वाला विश्वविद्यालय चुना गया है।
वहीं वैश्विक रैंकिंग के विकास अध्ययन विषय में जेएनयू 20वें नंबर पर है। इस उपलब्धि पर शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि इन विशिष्टताओं को हासिल करने और भारत को वैश्विक मानचित्र पर स्थापित करने के लिए भारत के सभी उच्च शिक्षा संस्थान बधाई के पात्र हैं।
जेएनयू वीसी प्रोफेसर शांतिश्री डी. पंडित ने विश्वविद्यालय के शानदार प्रदर्शन पर प्रशासन, संकाय, कर्मचारियों और छात्रों को उनके योगदान के लिए बधाई दी है और उनका आभार व्यक्त किया है। यह रैंकिग विषय के आधार पर जारी की गई क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिग है। रैंकिंग लिस्ट वैश्विक उच्च शिक्षा विशेषज्ञ क्यूएस क्वाक्वेरेली साइमंड्स की ओर से जारी की गई है। विषय के आधार पर क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में रिकॉर्ड तोड़ 69 भारतीय विश्वविद्यालय शामिल हैं।
भारतीय विश्वविद्यालयों ने कुल 424 प्रविष्टियों के साथ विषय आधारित इस इंटरनेशनल रैंकिंग में स्थान हासिल किया है। वहीं बीते वर्ष भारत के अलग-अलग विश्वविद्यालय से 355 प्रविष्टियों इस इंटरनेशनल रैंकिंग के लिए आई थीं।
बीते वर्ष के मुकाबले इस वर्ष भारतीय विश्वविद्यालय की सहभागिता 19.4 प्रतिशत तक अधिक है। व्यवसाय एवं प्रबंधन अध्ययन के लिए आईआईएम-अहमदाबाद को विश्व के शीर्ष संस्थानों में 25वां स्थान मिला है।
इसके अलावा, आईआईएम-बेंगलुरु और कलकत्ता को 50वां स्थान मिला है। वहीं, सविता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड टेक्निकल साइंसेज चेन्नई, दंत चिकित्सा अध्ययन के लिए विश्व स्तर पर 24वें स्थान पर है। दिल्ली विश्वविद्यालय 30 प्रविष्टियों के साथ इस रैंकिंग में शामिल हैं। आईआईटी-बॉम्बे 28 और आईआईटी-खड़गपुर 27 प्रविष्टियां के साथ रैंकिंग लिस्ट में शामिल हैं। वहीं आईआईटी-मद्रास 22 प्रविष्टियां और आईआईटी दिल्ली 19 प्रविष्टियां के साथ रैंकिंग में शामिल है।
इससे पहले, बीते वर्ष जेएनयू को लैंगिक समानता और समाज की अन्य असमानताओं को दूर करने के कारण इस अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग में स्थान मिला था।
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Source : IANS