विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब के कारसेवा डेरा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की नृशंस हत्या पर दुःख व्यक्त किया और उम्मीद जताई कि उत्तराखंड सरकार आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर हत्यारों को कठोरतम दंड देगी।
विहिप नेता ने बाबा तरसेम सिंह को सेवा, समर्पण, त्याग और धर्म के पर्याय बताते हुए कहा कि वह एक ऐसे महान व्यक्तित्व थे जिनका किसी से कोई बैर हो सकता है, यह अकल्पनीय है। सामान्य व्यक्तियों के बीच ही नहीं अपितु, वह तो समाज के प्रबुद्ध वर्ग में भी अपना बड़ा प्रभाव रखते थे। निरंतर लोगों की सेवा, जनहित के कार्य तथा नानकमत्ता गुरुद्वारे के पुनर्निर्माण हेतु कार सेवा की तमाम जिम्मदारियों की देखभाल करते हुए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। ऐसे महात्मा के हमसे दूर चले जाने से सम्पूर्ण विश्व का धर्म प्रेमी और सेवावृति हिन्दू-सिख समाज स्तब्ध तथा आहत है। बाबाजी हिंदू सिख एकता के सांझ थे। उनके बलिदान से यह सांझ और मजबूत होगी।
आलोक कुमार ने कहा कि अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर पुनर्स्थापित भगवान रामलला के भव्य मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में उपस्थित रहकर उन्होंने लगभग एक पखवाड़े तक राम भक्तों की सेवा में अखंड लंगर का संचालन किया था। श्री राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन में सिख समाज के अमूल्य योगदान का वे अनुपम तरीके से वर्णन किया करते थे। हरिद्वार कुंभ के समय भी उनकी निरंतर लंगर सेवा से सभी परिचित हैं।
विहिप अध्यक्ष ने उन्हें याद करते हुए कहा कि वह सनातन संस्कृति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और आस्था को सिख समाज सहित हिंदू समाज की सभी धर्म-धाराओं के समक्ष प्रमुखता से रखते थे। उनके व्यक्तित्व के साथ उनके सेवा कार्यों की चर्चा सिर्फ उत्तराखंड में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में होती थी।
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Source : IANS