राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संस्थापक, मुख्य सरंक्षक एवं संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने देश के मुसलमानों से कहा है कि उन्हें आत्ममंथन करने की जरूरत है। मुस्लिम समुदाय को वोट बैंक के लिए बिकना नहीं चाहिए।
नई दिल्ली के आकाशवाणी भवन स्थित रंग भवन ऑडिटोरियम में भारतीय मुसलमान : एकता का आधार, हुब्बुल वतनी (राष्ट्रीयता) पुस्तक के लोकार्पण समारोह में बोलते हुए आरएसएस के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने कहा, मुसलमान पर एक दाग लगा है और यह दाग देश की कुछ पार्टियों ने लगाया है, जो मुसलमान को देशद्रोही और बिका हुआ मानते हैं।
यही कारण है कि वो दल मुसलमान को सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के लायक समझते हैं। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि मुसलमान समझें कि वो कोई बिकने वाली चीज नहीं हैं, वो राष्ट्रवादी हैं।
इंद्रेश कुमार ने कहा कि देश के मुसलमानों को आत्ममंथन की जरूरत है। 99 प्रतिशत मुसलमानों के पूर्वज हिंदू हैं। सभी 140 करोड़ भारतीयों का डीएनए एक ही है।
उन्होंने मुस्लिम नेतृत्व पर तंज कसते हुए कहा कि अनुचित व्यवहार और आपत्तिजनक नारों की आलोचना की जानी चाहिए। यदि सभी एक होकर रहें तो इस देश से दंगे और छुआछूत समाप्त हो जाएगा।
संघ के वरिष्ठ नेता रामलाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 1947 से पहले कोई भ्रम था। लेकिन, आजादी के बाद समझ आ गया था कि भारतीय मुसलमान कौन हैं? भारतीय मुसलमान राष्ट्रवादी थे, हैं और रहेंगे। क्योंकि, जो मुसलमान भारतीय नहीं थे, वो 1947 में ही पाकिस्तान चले गए थे, जो भारत में हैं वो पूर्ण भारतीय हैं।
रामलाल ने आगे कहा कि किसी एक दो लोगों या संगठन के कारण आप सभी मुसलमान पर कतई उंगली नहीं उठा सकते। 1857 तक तो सब मिल के लड़े, लेकिन भेदभाव कैसे आया? भेदभाव अंग्रेजों ने किया। उन्होंने हिंदू मुस्लिम को बांटा, उत्तर दक्षिण को बांटा, पूर्व पश्चिम में बांटा। अभी कुछ लोग लगे हैं जो चाहते हैं कि दूरी रहे, लेकिन इन दूरियों का कोई मतलब नहीं है क्योंकि अधिकांश मुस्लिम राष्ट्रीय मुस्लिम हैं।
रामलाल ने कहा कि भारतीय मुसलमान की पहचान राजा हसन खां मेवाती, ब्रिगेडियर उस्मान, शहीद अब्दुल हमीद रसखान, डॉक्टर राही मासूम रजा से होती है।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने अपने वीडियो मैसेज में कहा कि देश धर्म और मजहब से ऊपर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आने वाले 25 सालों में भारत को विकसित देश बनाने का लक्ष्य रखा है।
अजमेर शरीफ दरगाह के सज्जादे नशी एवं दीवान हजरत सैय्यद जैनुल आबेदीन अली खान, ऑल इंडिया इमाम आर्गेनाइजेशन के चीफ इमाम उमैर अहमद इलियासी, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य सैय्यद शहजादी सहित मुस्लिम समुदाय से जुड़े कई अन्य व्यक्ति भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।
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Source : IANS