झारखंड के चक्रधरपुर रेल मंडल में रेलवे ट्रैक पर शनिवार सुबह मिले चारों शवों की पहचान हो गई है। चारों पश्चिम सिंहभूम में हाटगम्हरिया थाना क्षेत्र के नुर्दा गांव के एक ही परिवार के थे। इनकी हत्या डायन और जादू-टोना के विवाद में करने के बाद शवों को पटरी पर फेंक दिया गया था, ताकि इसे आत्महत्या का रूप दिया जा सके।
हमलावरों के चंगुल से किसी तरह बचकर भाग निकली परिवार की 15 साल की बेटी ने अपने चाचा के साथ थाना पहुंचकर पुलिस को वारदात के बारे में जानकारी दी है।
मृतकों में बिनू सिंकू, उनकी पत्नी और उनके पुत्र एवं पुत्री शामिल हैं। बिनू सिंकू के छोटे भाई जुम्बल सिंकू ने शवों की शिनाख्त की। उन्होंने बताया कि डायन-बिसाही का आरोप लगाकर उसके भाई और उसके पूरे परिवार के साथ गांव के कई लोगों ने झगड़ा किया था। इसे लेकर गांव में बैठक भी की गयी थी।
शुक्रवार की रात कई लोग घर में घुस आए। उन्होंने बिनू सिंकू और उसकी पत्नी के सामने उनके दो बच्चों की हत्या कर उनके शवों को बोरे में डाल दिया। परिवार की 15 साल की एक बच्ची किसी तरह भागने में सफल रही। इसके बाद वे लोग बिनू सिंकू और उसकी पत्नी के हाथ पैर बांधकर पास के जंगल में ले गए। दोनों को इमली के एक पेड़ में बांधकर लाठी-डंडे से तब तक पीटा गया, जब तक उनकी जान नहीं निकल गयी।
इसके बाद चारों लाशों को रेलवे पटरी पर लेकर जाया गया और लाशों को इस तरह फेंका गया, जिससे यह आत्महत्या का मामला लगे। शनिवार सुबह जब रेल पटरी पर अलग-अलग जगहों पर चार लाशें मिली तो इलाके में सनसनी फैल गई थी। दोपहर में परिवार की लड़की के थाना पहुंचने के बाद मामले का खुलासा हुआ।
लड़की के बयान के आधार पर पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल दो डंडे बरामद किए हैं। पुलिस डॉग स्क्वायड और फॉरेंसिक जांच टीम की मदद लेकर हत्याकांड के सबूत जुटाने में लगी हुई है। डॉग स्क्वायड की मदद से कातिलों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है। फॉरेंसिक जांच टीम ने ब्लड सैंपल सहित कई जरूरी नमूने घटनास्थल से इकट्ठा किए हैं।
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Source : IANS