चीन ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता विकसित करने में उत्कृष्ट काम किया है और यह पूरी दुनिया के लिए एक मॉडल बन सकता है। ब्राजील में फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ रियो ग्रांडे डो सुल में सूचना विज्ञान के प्रोफेसर एडसन प्रेस्टेस ने चीनी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के साथ साक्षात्कार में यह बात कही।
यूनेस्को ने हाल ही में स्लोवेनिया में दूसरा वैश्विक कृत्रिम बुद्धिमत्ता नैतिकता मंच आयोजित किया। प्रेस्टेस ने इस दौरान कहा कि चीन शिक्षा में भारी निवेश कर रहा है और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) उत्पादों और सेवाओं के विकास को बढ़ावा दे रहा है।
उनके मुताबिक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रशासन जैसे क्षेत्र में चीन एक उत्कृष्ट उदाहरण है, और इसका प्रासंगिक अनुभव वैश्विक प्रचार के योग्य है। प्रेस्टेस ने कहा कि दुनिया में कई देशों द्वारा बनाए एआई दिशा निर्देशों में सतत विकास के बारे में ध्यान नहीं दिया गया, जबकि चीन का एआई शासन पर्यावरण संरक्षण पर जोर देता है।
उनके विचार में, एआई प्रशासन को देशों के बीच सांस्कृतिक मतभेदों का सम्मान करना चाहिए और वैश्विक चर्चाओं पर जोर देना चाहिए। एआई पर विभिन्न देशों के अलग-अलग विचार हैं, इसलिए सभी देशों को एक खुले रवैये से दूसरे देशों की राय को ध्यान से सुनने की आवश्यकता है।
प्रेस्टेस ने यह भी कहा कि वैश्विक एआई चर्चा में चीन एक बहुत शक्तिशाली प्रतिभागी है। कई चीनी विशेषज्ञ संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के कृत्रिम बुद्धिमत्ता सलाहकार निकायों में भूमिका निभाते हैं।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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Source : IANS