छत्तीसगढ़ के स्कूली पाठ्यक्रम में योग, प्राणायाम, खेल के साथ-साथ मौलिक शिक्षा को शामिल किया जाएगा। प्रदेश के शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि आगामी शिक्षण सत्र से विद्यार्थियों के बहुमुखी विकास के लिए प्रदेश के स्कूलों में योग, प्राणायाम, खेल के साथ-साथ मौलिक शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
राजधानी रायपुर के विभिन्न स्कूलों में आयोजित कार्यक्रमों को सम्बोधित करते हुए शिक्षा मंत्री अग्रवाल ने कहा कि बच्चों में छुपी प्रतिभा को सामने लाने की जिम्मेदारी परिजनों से ज्यादा शिक्षकों पर होती है, क्योंकि एक उम्र के बाद उनका ज्यादा वक्त स्कूल में गुजरता है। यह समझना चाहिए कि बच्चे गीली मिट्टी की तरह होते हैं और शिक्षक कुम्हार की तरह, जो बच्चों को एक रूप व आकार देते हैं, ताकि उनके बेहतर चरित्र का निर्माण हो सके। इसीलिए सनातन धर्म में गुरु को भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया गया है।
शिक्षा मंत्री अग्रवाल ने कहा, हमारी सरकार प्रदेश के बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा देने के लिए संकल्पित है। इसके लिए हम हमेशा नए योजनाओं के साथ कार्य कर रहे हैं। शिक्षा से राष्ट्र-प्रेम की भावना प्रबल हो तथा अपनी संस्कृति और श्रेष्ठ परंपराओं के प्रति आकर्षण बढ़े ऐसा हमारा प्रयास है।
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Source : IANS