झारखंड की सांस्कृतिक धरोहरों और विरासतों के संरक्षण और उन्हें अंतरराष्ट्रीय पटल पर पहचान दिलाने वाले प्रसिद्ध संस्कृतिकर्मी जस्टिन इमाम का हृदयाघात से निधन हो गया।
49 वर्षीय जस्टिन ने झारखंड की सोहराई और कोहबर पेंटिंग को जीआई टैग दिलाने और वैश्विक मंचों पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी। वह पद्मश्री से सम्मानित पर्यावरणविद बुलु इमाम के पुत्र थे।
2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके काम की “मन की बात” में सराहना की थी। हजारीबाग टाउन रेलवे स्टेशन में उनके प्रयास से की गई सोहराई पेंटिंग को अनुकरणीय कहा था।
वह विरासत नामक संस्था से जुड़े थे और देश-विदेश के कई शोधकर्ताओं के लिए मार्गदर्शक थे। उनके निधन पर विभिन्न प्रांतों के साथ जापान, फ्रांस, इंग्लैंड के उनके जानने वालों ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
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Source : IANS