अयोध्या में पर्यटकों की सुविधा के लिए तमाम प्रयास हो रहे हैं। इसी क्रम में अयोध्या में संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भारतीय भाषाओं और संयुक्त राष्ट्र की छह भाषाओं में साइनेज लगाने का कार्य शुरू हो गया है।
इसके बाद अयोध्या आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों को इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। अब तक हनुमानगढ़ी, कनक भवन, राम की पैड़ी, अयोध्या धाम जंक्शन, टेढ़ी बाजार, अयोध्या एयरपोर्ट पर साइनेज बोर्ड लगाए जा चुके हैं। अन्य स्थानों पर कार्य तेजी से चल रहा है। 22 जनवरी के पहले हर हाल में कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
एक अधिकारी ने बताया कि राम की पैड़ी, नागेश्वर नाथ मंदिर, भजन संध्या स्थल नया घाट, क्वीन हो पार्क, लता मंगेशकर चौक, रामपथ, जन्मभूमि पथ, भक्तिपथ, धर्मपथ, चौधरी चरण सिंह घाट, रामकथा संग्रहालय, जानकी महल, दशरथ महल, रामकोट, तुलसी स्मारक भवन, छोटी देवकाली मंदिर, सरयू घाट, सूर्य कुंड, गुप्तार घाट, गुलाब बाड़ी, कम्पनी गार्डन, साकेत सदन, मंदिर निकट गुप्तार घाट, चौधरी चरण सिंह पार्क, संत तुलसी घाट, तिवारी मंदिर, तुलसी उद्यान, गोरखपुर-लखनऊ बाइपास, बैकुंठ धाम, मिथिला धाम, अयोध्या आई हॉस्पिटल, हनुमान गढ़ी रोड, राजद्वार मंदिर तिराहा, कनक भवन रोड, दिगंबर जैन मंदिर, श्रीराम हॉस्पिटल, राम कचेहरी, रंगमहल, अमावा राम मंदिर, सीताकुंड, मणि पर्वत, अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन पर साइनेज लगाने की कार्रवाई तेजी से हो रही है।
उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र की जिन छह भाषाओं में पट्टिकाओं को लगाने का कार्य हो रहा है, उनमें अरबी, चीनी, अंग्रेजी, फ्रेंच, रूसी और स्पेनिश शामिल हैं।
इसके अलावा भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल हिंदी, उर्दू, असमिया, उड़िया, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, गुजराती, डोगरी, तमिल, तेलुगू, नेपाली, पंजाबी, बांग्ला, बोडो, मणिपुरी, मराठी, मलयालम, मैथिली, संथाली, संस्कृत और सिंधी में पट्टिकाओं को लगाया जा रहा है।
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Source : IANS