अयोध्या में निर्मित भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर उत्तर प्रदेश की सरकार श्रद्धालुओं को फील गुड कराने की तैयारी में है। सीएम योगी के निर्देश पर ट्रांसपोर्ट विभाग की ओर से इसके लिए कार्ययोजना पर काम शुरू कर दिया गया है।
इसके तहत टैक्सी एवं टूरिस्ट बस वाहन स्वामियों के साथ बैठक कर रामोत्सव के दौरान अयोध्या में आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के तहत टैक्सी एवं टूरिस्ट बसों को आवश्यकतानुसार आरक्षित रखने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। साथ ही टैक्सी एवं बस ड्राइवरों को सुरक्षित ड्राइविंग, ट्रैफिक रूल्स को फॉलो करने, टूरिस्ट्स के साथ अच्छा बर्ताव करने और अनिवार्य रूप से वर्दी पहनने के निर्देश दे दिए गए हैं।
इस दौरान किसी भी तरह के नशे एवं पान गुटका के सेवन से दूर रहने और वाहनों की नियमित साफ-सफाई की हिदायत भी दी गई है। ये भी निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि यात्रियों से किसी भी हालत में निर्धारित किराए से अधिक की वसूली नहीं होनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर पूरे देश में माहौल बन चुका है। परिवहन विभाग की ओर से कार्ययोजना पर अमल शुरू कर दिया गया है। ट्रांसपोर्ट कमिश्नर चंद्र भूषण सिंह के अनुसार अयोध्या में टैक्सी एवं बस ड्राइवरों को संवेदनशील बनाने के लिए निर्धारित बिंदुओं पर प्रशिक्षण देकर उनका अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है।
अयोध्या की परिधि के 200 किमी. में सभी मार्गों पर इंटरसेप्टर वाहनों द्वारा प्रवर्तन टीमों को टूरिस्ट के सहायतार्थ लगाया जाना सुनिश्चित किया गया है। लखनऊ से अयोध्या, गोरखपुर से अयोध्या तथा सुल्तानपुर से अयोध्या के बीच पड़ने वाले समस्त टोल प्लाजा पर टूरिस्ट के सहायतार्थ परिवहन विभाग के हेल्पडेस्क को स्थापित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि अयोध्या में मारूति सुजुकी इंडिया लि. द्वारा ड्राइविंग ट्रेनिंग एवं टेस्टिंग इंस्टीट्यूट (डीटीटीआई) में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक के आटोमेशन पर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इसे मार्च 2024 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। डीटीटीआई का निर्माण उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम द्वारा किया गया है, जिस पर कुल 856.84 लाख रुपए का व्यय हुआ है।
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Source : IANS