रांची के जमीन घोटाले में ईडी के सातवें समन के जवाब में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को एजेंसी को पत्र भेजा है। उन्होंने ईडी से कहा है कि एजेंसी पहले यह स्पष्ट करे कि उन पर कौन से आरोप हैं, जिसके सिलसिले में उन्हें बार-बार समन भेजा जा रहा है।
सोरेन का यह पत्र मंगलवार दोपहर करीब 2 बजे सीएम सचिवालय ने एक कर्मी ने ईडी के रांची स्थित जोनल ऑफिस में पहुंचाया। जानकारी मिली है कि सीएम ने उन्हें बार-बार भेजे जा रहे समन की तार्किकता और वैधता पर फिर से सवाल उठाया है। यह भी कहा है कि समन भेजने की खबर उनसे पहले मीडिया तक पहुंचाई जाती है, जिसकी वजह से उन्हें मीडिया ट्रायल का सामना करना पड़ रहा है।
सोरेन ने यह भी कहा है कि उन्होंने सभी मामलों में अपना पक्ष स्पष्ट रूप से पहले ही रख दिया है। इसके बावजूद उन्हें भेजा जा रहा समन राजनीति से प्रेरित लगता है और ऐसा करके उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है। सीएम ने अपने पत्र में एजेंसी से कहा है कि उनके खिलाफ फिलहाल कोई कार्रवाई न की जाए। पत्र में सीएम ने यह साफ नहीं किया है कि वे ईडी के समन पर उपस्थित होंगे या नहीं।
दरअसल, रांची के बड़गांई अंचल में एक जमीन घोटाले की जांच कर रही ईडी ने बीते 29 दिसंबर को सीएम सोरेन को सातवीं बार समन भेजा था। एजेंसी ने इसे आखिरी समन बताते हुए उन्हें सात दिनों के अंदर बयान दर्ज कराने को कहा था। ईडी ने कहा था कि वे दो दिनों के अंदर यानी 31 दिसंबर तक ऐसी जगह तय करके सूचित करें, जहां उनका बयान दर्ज किया जा सके। यह जगह दोनों पक्षों के लिए उपयुक्त होनी चाहिए।
सोरेन इससे पहले भेजे गए छह समन पर भी उपस्थित नहीं हुए थे। ईडी ने सातवें समन के लिए भेजे पत्र में सोरेन से कहा था कि आपको छह बार समन भेजे गए, लेकिन आप एक बार भी ईडी कार्यालय में हाजिर नहीं हुए। इसके लिए आपने निराधार कारण बताये। समन के आलोक में आपके हाजिर नहीं होने की वजह से मामले की जांच में अड़चन पैदा हो रही है। साथ ही जांच प्रभावित हो रही है। सातवें और आखिरी समन के बाद बयान दर्ज न कराने पर इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।
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Source : IANS