15 दिसंबर से शुरू हो रहे झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के ठिकानों से साढ़े तीन सौ करोड़ से ज्यादा की रकम और जेवरात की बरामदगी का मामला छाया रहेगा।
भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के साथ राज्य की गठबंधन सरकार की घेराबंदी की रणनीति तैयार की है। इसे लेकर गुरुवार शाम भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाई गई है।
ईडी के छह समन के बाद भी हेमंत सोरेन के हाजिर नहीं होने राज्य में नियुक्ति परीक्षाओं को बार-बार टाले जाने और बेरोजगारी भत्ता से जुड़े मुद्दों पर भी सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश विपक्ष की ओर से होगी।
झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा, “हर मोर्चे पर फेल राज्य की हेमंत सरकार के खिलाफ मुद्दों की कमी नहीं है। धीरज साहू के ठिकानों से अकूत रकम का हिसाब हम सत्ताधारी गठबंधन से सदन में मांगेंगे। इस भ्रष्टाचार में यहां की सरकार भी भागीदार है।”
इधर सत्ताधारी गठबंधन भी विपक्षी हमलों की काट और सदन में एकजुटता की रणनीति में जुटा है। संसद हमले की बरसी पर सुरक्षा में सेंध, केंद्र सरकार के पास झारखंड सरकार के एक लाख छत्तीस हजार करोड़ का बकाया, राज्य में सूखा राहत में केंद्र के असहयोग जैसे मसले सदन में उठाए जाएंगे।
झारखंड की इस पांचवीं विधानसभा में पहली बार सदन में नेता प्रतिपक्ष होगा। स्पीकर ने झारखंड प्रदेश भाजपा विधायक दल के नए नेता अमर बाउरी को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता दे दी है।
इसके पहले 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने बाबूलाल मरांडी को पार्टी विधायक दल का नेता चुना था, लेकिन स्पीकर ने उनके खिलाफ दलबदल का मामला दर्ज होने के कारण उन्हें नेता प्रतिपक्ष के तौर पर मान्यता नहीं दी थी।
इधर सदन के संचालन को लेकर गुरुवार को विधानसभा स्पीकर रबींद्र नाथ महतो की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई। बैठक में सीएम हेमंत सोरेन, संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम, नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, आजसू विधायक लंबोदर महतो, भाकपा माले विधायक विनोद सिंह उपस्थित रहे।
इसमें सत्र की तैयारियों और इसके सफल संचालन के साथ-साथ सत्र के दौरान होने वाली सुरक्षा को लेकर भी चर्चा हुई।
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Source : IANS