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मप्र की कमान संभालते ही मोहन यादव का बड़ा फैसला, मापदंड से ज्‍यादा तेज बजने वाले ध्वनि-विस्तारक यंत्रों पर प्रतिबंध

मप्र की कमान संभालते ही मोहन यादव का बड़ा फैसला, मापदंड से ज्‍यादा तेज बजने वाले ध्वनि-विस्तारक यंत्रों पर प्रतिबंध

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री की शपथ लेते ही डॉ. मोहन यादव ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं, बुधवार की शाम हुई पहली कैबिनेट में कई फैसले लिए गए, जिनमें धार्मिक स्थलों पर निर्धारित मापदंड से अधिक तेज बजने वाले ध्वनि- विस्ताकर यंत्रों को प्रतिबंधित कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री यादव ने कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रिपरिषद द्वारा धार्मिक स्थल एवं अन्य स्थानों पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों को अवैधानिक रूप से और निर्धारित मापदंड से अधिक तेज बजाने पर प्रतिबंध लगाए जाने के संबंध में निर्णय लिया गया।

प्रदेश में धार्मिक स्थलों एवं अन्य स्थानों पर अवैधानिक रूप से और निर्धारित मापदंड का उल्लंघन करते हुए बजाए जाने वाले लाउडस्पीकरों या डीजे वगैरह की जांच के लिए उड़नदस्तों का गठन, निरीक्षण एवं नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा अभियोजन की कार्रवाई का निर्णय लिया गया। मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर संचालित अग्रणी व चिन्हित महाविद्यालयों को ‘पीएम कॉलेज ऑफ एक्सिलेंस‘ के रूप में उन्नयन किए जाने के संबंध में निर्णय लिया गया।

इस समय प्रदेश में कुल 570 शासकीय महाविद्यालय संचालित है। प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर संचालित अग्रणीव चिन्हित महाविद्यालयों में सभी संकायों में सुविधाओं में वृद्धि करते हुए अग्रणी व चिन्हित महाविद्यालयों को पीएम कॉलेज ऑफ एक्सिलेंस के रूप में उन्नयन किया जाएगा। मंत्रिपरिषद ने उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत संचालित शासकीय व निजी विश्‍वविद्यालयों में छात्रों की डिग्रीव अंकसूची को डिजीलॉकर में अपलोड किए जाने का निर्णय लिया है।

मंत्रिपरिषद द्वारा 1 जनवरी, 2024 से साइबर तहसील की व्यवस्था मध्यप्रदेश के सभी 55 जिलों में लागू करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में बिना आवेदन, नामांतरण और अभिलेख दुरुस्तीकरण की फेसलेश व्यवस्था जून, 2022 से लागू की गई है। इसे साइबर तहसील नाम दिया गया है। इसमें रजिस्ट्री के बाद क्रेता के पक्ष में अविवादित नामांतरण, एक फेसलेस, पेपरलेस तरीके से ऑनलाइन प्रक्रिया के द्वारा 14 दिन में बिना आवेदन के और बिना तहसील के चक्कर लगाए स्वतः ऑटोमेटिक तरीके से हो जाता है और खसरे तथा नक्शे में भी क्रेता का नाम चढ जाता है। इस समय यह व्यवस्था प्रदेश के 12 जिलों की 442 तहसीलों में लागू है। इसके माध्यम से अब तक 16 हजार से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है।

मंत्रिपरिषद ने गंभीर अपराधों एवं आदतन अपराधियों की पूर्व अपराधों में प्राप्त जमानत सीआरपीसी की धारा 437,438, 439 के प्रावधान अनुसार न्यायालय से निरस्त करवाए जाने के संबंध में निर्णय लिया। प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में बिना लाइसेंस के खुले में अवैध रूप से मांस-मछली आदि का क्रय-विक्रय पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया और कहा गया कि इस संबंध में सघन अभियान चलाया जाएगा।

मंत्रिपरिषद ने तेंदूपत्ता संग्रहण दर तीन हजार रुपये प्रति बोरा से बढ़ाकर 4 हजार रुपये प्रति बोरा करने का निर्णय लिया गया। इससे 35 लाख से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहकों को 162 करोड़ रुपये का अतिरिक्त पारिश्रमिक प्राप्त होगा।

उल्लेखनीय है कि तेंदूपत्ता संग्रहण दर वर्ष 2017 में 1250 रुपये प्रति बोरा थी। वर्ष 2023 में इसे बढ़ाकर 3 हजार रुपये प्रति बोरा कर दिया था।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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