Advertisment

मध्य प्रदेश में सत्ता और संगठन के मुखिया की सियासी नर्सरी रही अभाविप

मध्य प्रदेश में सत्ता और संगठन के मुखिया की सियासी नर्सरी रही अभाविप

author-image
IANS
New Update
--20231212191805

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी संगठन और सरकार के प्रमुख की सियासी नर्सरी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद रही है। दोनों ही नेताओं ने अभाविप के जरिए ही छात्र राजनीति में संघर्ष किया और इन दोनों नेताओं ने नई पायदानों पर कदम बढ़ाए।

राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने भारी बहुमत से जीत हासिल की है। इस बार के चुनाव में पार्टी हाई कमान ने नए प्रयोग किए और तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित सात सांसदों को विधानसभा चुनाव के मैदान में उतारा। इन चुनाव में एक केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और सतना से सांसद गणेश सिंह को हार का सामना करना पड़ा। जबकि, केंद्रीय मंत्री रहे नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल के अलावा सांसद रीति पाठक, राकेश सिंह और उदय प्रताप सिंह ने जीत दर्ज की।

इसके अलावा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी चुनाव जीते हैं। राज्य में पार्टी के लिए मुख्यमंत्री का चयन आसान नहीं था क्योंकि कई बड़े दिग्गज चुनाव जीत कर आए थे। पार्टी ने तीन पर्यवेक्षक भेजे और उन्होंने विधायकों की सहमति से जिस नाम पर मुहर लगाई वह चौंकाने वाला रहा, क्योंकि मोहन यादव दौड़ में ही नहीं थे और उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया। वे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं।

मोहन यादव ने अपनी राजनीति की शुरुआत अभाविप से की थी और वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए भी काम करते रहे। उसके बाद उन्होंने पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली और तीन बार विधायक निर्वाचित हुए।

इसी तरह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जरिए सियासत में आए। उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति में इसी के जरिए अपनी पहचान बनाई और भाजपा में आने के बाद वे खजुराहो से सांसद निर्वाचित हुए और वर्तमान में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष शर्मा और राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले मोहन यादव की सियासी नर्सरी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा राज्य में नए दौर में प्रवेश कर रही है। पूरी तरह संगठन और सत्ता की कमान नई पीढ़ी के हाथ में आ गई है। इसके जरिए पार्टी राज्य में नई गति से आगे बढ़ेगी, क्योंकि दोनों हम उम्र और समकालीन राजनेता हैं।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment