अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के 69वें राष्ट्रीय अधिवेशन के अंतर्गत आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की बैठक में नारी शक्ति वंदन अधिनियम एक ऐतिहासिक पहल तथा भारतीय स्वाभिमान का प्रतीक राम मंदिर शीर्षक पर प्रस्ताव पारित किया गया है।
अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री हुशियार सिंह मीणा और अंकिता पवार ने राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की बैठक में उक्त प्रस्ताव रखे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कहना है कि उन्होंने श्रीराम मन्दिर तथा महिलाओं की सुरक्षा एवं संवर्धन जैसे विषयों से संबंधित आंदोलनों का नेतृत्व किया है।
विद्यार्थी परिषद का कहना है कि जहां एक ओर राजनैतिक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु लाए गए नारी शक्ति अधिनियम 2023 का पारित होना न केवल जन आकांक्षाओं की पूर्ति है, अपितु महिला नेतृत्व विकसित करने की दृढ़ इच्छाशक्ति की परिणति है।
वहीं, दूसरी तरफ राम जन्मभूमि पर निर्मित हो रहे भव्य मंदिर में रामलला की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा होना भारत की पौराणिक व सांस्कृतिक धरोहर की पुनर्स्थापना के साथ ही विगत 500 वर्षों से चले आ रहे अनवरत संघर्ष की सफलता का प्रतीक है।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि परिषद महिला शिक्षा, सुरक्षा, सम्मान, स्वास्थ्य एवं स्वावलंबन दिशा में प्रयासरत है। अभाविप 2018 में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद बैठक की मांग को दोहराते हुए नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 का स्वागत करती है। राम जन्मभूमि पर मन्दिर निर्माण होना प्रत्येक भारतवासी तथा छात्र के लिए गौरवशाली क्षण है।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS