चीता विहीन हो चुके भारत में चीतों को बसाने की चल रही कोशिश के क्रम में एक बार फिर इन्हें बाड़े से बाहर निकलकर कूनो नेशनल पार्क के जंगल में छोड़ने की तैयारी चल रही है। संभावना जताई जा रही है कि इन चीतों को जल्दी ही या दिसंबर में जंगल में छोड़ दिया जाएगा।
दरअसल, बीते साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के मौके पर नामीबिया से लाए गए चीतों को श्योपुर जिले में कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। इन चीतों को पहले बाड़े में रखा गया और फिर उन्हें खुले जंगल में छोड़ा गया। संक्रमण के चलते कई चीतों की हुई मौत के बाद उन्हें एक बार फिर बाड़े में लाया गया।
कूनो नेशनल पार्क लाए गए चीतों में से बचे 14 चीता और एक शावक वर्तमान में बाड़ेे में हैं, अब इन सभी को खुले जंगल में छोड़ने की तैयारी चल रही है। जानकारों का कहना है कि चीतों को जंगल में छोड़ने का फैसला स्टीयरिंग कमेटी के जरिए लिया जाएगा। चीतों पर संभावित खतरे का एक बड़ा कारण बाघ की मौजूदगी को माना जा रहा है क्योंकि वहां बाघ के पग-मार्क भी मिले हैं। फिलहाल बाघ की तलाश की जा रही है। बाघ की मौजूदगी की सही जानकारी मिलने के बाद ही चीतों को जंगल में छोड़ने का फैसला लिया जाएगा।
चीतों की देखरेख में लगे अधिकारियों कहना है कि जो चीते बाड़े में हैं, उनकी स्थिति ठीक है, कुछ समय पहले जब चीतों केा जंगल में छोड़ा गया था तब उनके गले में लगाई गई कॉलर आईडी के चलते कई चीतों को संक्रमण हो गया था और मौत भी हुई थी। उसके बाद सभी चीतों को अलग-अलग बाड़े में रखा गया है। संक्रमण मिलने के बाद विशेषज्ञों की देखरेख में सभी का उपचार किया गया। वर्तमान में वे स्वस्थ बताए जा रहे हैं।
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Source : IANS