झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य की सरकार और सीएम हेमंत सोरेन पर भ्रष्टाचार के लिए ब्यूरोक्रेट्स का सिंडिकेट तैयार करने का आरोप मढ़ा है।
उन्होंने कहा कि गिभ एंड टेक की पॉलिसी के आधार पर चलने वाले इस सिंडिकेट में उन अफसरों को जगह दी जाती है, जो सरकार के काले कारनामों में भागीदार बनने का भरोसा देते हैं।
मरांडी ने इसे भ्रष्टाचार के “अजब-गजब मॉडल” की संज्ञा दी है। मरांडी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, “सिंडिकेट में शामिल अधिकारी को राज्य सरकार का संपूर्ण संरक्षण मिलता है और बदले में अधिकारी को हर कमाई में हिस्सेदारी और फुल पावर एंजॉय करने का मौक़ा मिलता है। वहीं, सरकार को इसके बदले में एक बेहद ही भ्रष्ट अधिकारी मिलता है, जो हर कानून को तोड़ने-जोड़ने में माहिर होता है।“
भाजपा नेता ने कहा है कि सिंडिकेट के लिए काम करने वाले अफसर सेटर की भूमिका में होते हैं। उनका गेम छह महीने-साल भर चलता है और फिर जब मीडिया, कोर्ट या केंद्रीय एजेंसियां भ्रष्ट अधिकारी को एक्सपोज़ करती है, तो तुरंत जनता को गुमराह करने के लिए उस भ्रष्ट अधिकारी को एक और भ्रष्ट अधिकारी से “रिप्लेस” किया जाता है, जो पहले से बनी सिंडिकेट का हिस्सा था।
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Source : IANS