बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में तो विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में जुटा है, वहीं विधानसभा के बाहर भी मंगलवार को जमकर हंगामा देखने को मिला। यहां आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका अपनी पांच सूत्री मांग को लेकर विधानसभा घेरने पहुंच गई।
29 सितंबर से ही प्रदेश की करीब 10 हजार आंगनबाड़ी सेविकाएं अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
मंगलवार को प्रदेश के विभिन्न इलाकों से बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका सरकारी कर्मचारी का दर्जा और मानदेय की जगह वेतन की मांग को लेकर राजधानी पटना पहुंची और बिहार विधानसभा का घेराव करने निकली।
ये प्रदर्शनकारी महिलाएं विधानसभा गेट तक भी पहुंच गई। इसके बाद पुलिस ने सेविकाओं को हटाने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इस दौरान कई आंगनबाड़ी सेविकाओं को गंभीर चोटें लगी है।
बाद में पुलिस ने इन सभी प्रदर्शनकारी महिलाओं को यहां से हटा दिया।
प्रदर्शकारी सेविकाओं का कहना है कि 6000 रुपए प्रतिमाह मानदेय पर कैसे गुजारा होगा। चुनाव के समय तो मानदेय दोगुना करने की घोषणा की गई थी। इनकी मुख्य मांगों में सरकारी कर्मी का दर्जा, मानदेय की जगह वेतन, रिटायरमेंट पेंशन और ऑन-ड्यूटी काम करते हुए अगर कोई सेविका मरती है तो उसके बदले परिवार के सदस्य को नौकरी दी जाए, प्रमुख हैं।
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Source : IANS