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भारतीय नौसेना के मिसाइल विध्वंसक सूरत के प्रतीक का अनावरण

भारतीय नौसेना के मिसाइल विध्वंसक सूरत के प्रतीक का अनावरण

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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भारतीय नौसेना के नवीनतम, निर्माणाधीन, निर्देशित मिसाइल विध्वंसक सूरत के प्रतीक का अनावरण गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने किया। सूरत शहर में आयोजित इस समारोह में एडमिरल आर हरि कुमार के अलावा नौसेना स्टाफ के प्रमुख और राज्य सरकार और भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

सूरत का प्रतीक खंभात की खाड़ी के दक्षिणी प्रवेश द्वार पर स्थित हजीरा (सूरत) के प्रसिद्ध प्रकाश स्तंभ को दर्शाता है। वर्ष 1836 में निर्मित, यह लाइटहाउस भारत के पहले लाइटहाउसों में से एक है। इस प्रतीक पर गुजरात का राजकीय पशु एशियाई शेर, जहाज की महिमा और ताकत का प्रतीक है। नौसैनिक युद्ध प्रौद्योगिकी और लड़ाकू क्षमताओं में नवीनतम प्रगति से सुसज्जित, युद्धपोत सूरत समुद्री सुरक्षा और राष्ट्रीय रक्षा के लिए नौसेना की प्रतिबद्धता का एक शक्तिशाली अवतार है।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस प्रतीक पर चित्रित लहरदार समुद्र द्वारा अच्छी तरह दर्शाया गया है। भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल होने की दहलीज पर, सूरत एक दुर्जेय प्रहरी के रूप में काम करने, देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा करने और क्षेत्र में अपने रणनीतिक हितों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। अपने समृद्ध समुद्री इतिहास और जहाज निर्माण विरासत के लिए प्रसिद्ध, जीवंत शहर सूरत के नाम पर नामित, युद्धपोत सूरत भी अपने नाम की उद्यमशीलता और आत्मनिर्भर भावना का प्रतीक है।

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित प्रोजेक्ट 15बी (विशाखापत्तनम क्लास) विध्वंसक का चौथा जहाज, सूरत नौसेना प्रौद्योगिकी और क्षमताओं में एक उल्लेखनीय छलांग का प्रतिनिधित्व करता है। जहाज का निर्माण नई ब्लॉक निर्माण पद्धति का उपयोग कर किया गया है। मुंबई के मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) में एकीकृत होने से पहले जहाज के पतवार को अलग-अलग भौगोलिक स्थानों पर काफी मेहनत से तैयार किया गया है। जटिल परिशुद्धता और इंजीनियरिंग उत्कृष्टता को उजागर करती यह पद्धति, भारत की जहाज निर्माण क्षमता के बढ़ते शोधन को रेखांकित करती है।

प्रोजेक्ट 15बी, प्रोजेक्ट 15ए (कोलकाता क्लास) की सफलता का द्योतक है, जो भारत की लगातार बढ़ती नौसैनिक शक्ति के प्रमाण के रूप में कार्य करता है। सूरत युद्धपोत का निर्माण स्वदेशी अत्याधुनिक समुद्री प्रौद्योगिकी के प्रति राष्ट्र के समर्पण और रणनीतिक सैन्य प्रगति की प्रतिबद्धता का उदाहरण है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक अगले वर्ष सक्रिय सेवा में शामिल होने को तैयार, सूरत और उसका सक्षम क्रू मेंबर आने वाले दशकों में गर्व से देश की सेवा करेंगे।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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