भारतीय सेना चीन और पाकिस्तान से लगे अपने बॉर्डर की सुरक्षा चुनौतियों और फोर्स की क्षमता दक्षता समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों की समीक्षा करने जा रही है। यह समीक्षा सोमवार से शुरू की जाएगी।
सोमवार से भारतीय सेना के शीर्ष कमांडर्स का पांच दिवसीय सम्मेलन शुरू होने जा रहा है। आर्मी कमांडर्स की यह कॉन्फ्रेंस सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे की अध्यक्षता में हो रही है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह 18 अक्तूबर को सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
सेना की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, सेना के कमांडरों के सम्मेलन का आयोजन 20 अक्टूबर तक नई दिल्ली में निर्धारित है। यह शीर्ष-स्तरीय द्विवार्षिक कार्यक्रम वैचारिक आधार पर विचार-विमर्श के लिए भारतीय सेना को महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों की सुविधा प्रदान करने का एक संस्थागत मंच है।
इस वर्ष लाए गए नए प्रारूप को जारी रखते हुए, आगामी निर्धारित, सेना कमांडरों का सम्मेलन भी हाइब्रिड प्रारूप में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें प्रथम दिवस सेना कमांडर और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी वर्चुअल रूप से मिलेंगे, तत्पश्चात शेष विचार-विमर्श कार्य भौतिक प्रारूप में आयोजित किए जाएंगे।
इस अवसर पर रक्षा सेना प्रमुख जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी आयोजित सभा को संबोधित करेंगे। इस अवसर पर भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. अजय कुमार सूद भी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने पर एक संभाषण देंगे।
भारतीय सेना की परिचालन तैयारियों की समीक्षा करने के अलावा वर्तमान व उभरते सुरक्षा परिदृश्यों पर शीर्ष नेतृत्व विचार-विमर्श करेगा। वे वर्तमान सुधार प्रक्रिया, प्रशिक्षण मामलों, मानव संसाधन प्रबंधन पहलुओं तथा सेवारत कर्मियों और सेवानिवृत्त सैनिकों को प्रभावित करने वाले विषयों की समीक्षा सहित महत्वपूर्ण विषयों पर भी चर्चा करेंगे।
सेना के मुताबिक आर्मी कमांडरों का सम्मेलन, अपने व्यापक क्षेत्र के साथ, यह सुनिश्चित करता है कि भारतीय सेना प्रगतिशील, अग्रगामी, अनुकूलित और भविष्य के लिए तैयार रहे।
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Source : IANS