2 अक्टूबर 1994 को मुजफ्फरनगर के रामपुर में उत्तराखंड को अलग राज्य बनाने के लिए कई लोगों ने शहादत दी थी। उस घटना को 29 साल हो गए हैं। उन्हीं राज्य आंदोलनकारी शहीदों को सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रद्धांजलि अर्पित की। 2 अक्टूबर को यहां के लोग काला दिवस मनाते हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने देहरादून स्थित शहीद स्थल कचहरी में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों के संघर्ष के परिणामस्वरूप ही हमें नया राज्य मिला। शहीद राज्य आंदोलनकारियों के सपने के अनुरूप राज्य के विकास के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2 अक्टूबर 1994 को उत्तराखंड के अलग राज्य की प्राप्ति के लिए आंदोलन कर रहे हमारे नौजवान साथियों और माताओं-बहनों के साथ मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा में क्रूरतापूर्वक बर्ताव किया गया। अनेक आंदोलनकारियों की शहादत हुई। उनके सघंर्षों और शहादत के कारण ही हमें नया राज्य मिला। सरकार आंदोलनकारियों के कल्याण के लिए वचनबद्ध है।
आपको बता दें कि 2 अक्टूबर 1994 को अलग उत्तराखंड राज्य की मांग को लेकर आंदोलनकारी दिल्ली के लाल किला पर प्रस्तावित रैली में भाग लेने जा रहे थे। इस दौरान रामपुर तिराहा पर आंदोलनकारियों को रोककर दिल्ली जाने से रोका गया। आंदोलनकारियों ने विरोध किया। इस दौरान पुलिस फायरिंग और लाठीचार्ज में कई आंदोलनकारियों की मौत हो गई तो कई लापता हो गए।
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Source : IANS