शिक्षा मंत्रालय 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को भारतीय भाषा प्रौद्योगिकी समागम एवं 75 दिवसीय भारतीय भाषा उत्सव का आरंभ करेगा। भारतीय भाषा उत्सव के हिस्से के रूप में आयोजित भारतीय भाषा प्रौद्योगिकी समागम में तीन महत्वपूर्ण विषयगत सत्र आयोजित किया जा रहे हैं। इनमें भारतीय भाषाओं के लिए टेक्नोलॉजी, भारतीय भाषाओं में टेक्नोलॉजी और भारतीय भाषाओं के माध्यम से टेक्नोलॉजी शामिल हैं।
इसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, आईआईआईटी-डीएम, कांचीपुरम के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन और ज़ोहो कॉर्पोरेशन के सीईओ श्रीधर वेम्बू शामिल होंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक ये विषय भारतीय भाषा को बढ़ावा देने में टेक्नोलॉजी के एकीकरण पर जोर देंगे। जिसमें शिक्षण, प्रशिक्षण, परीक्षा और शैक्षिक सामग्री के अनुवाद में इसकी भूमिका शामिल है।
शिखर सम्मेलन का उद्देश्य एनईपी-2020 के दृष्टिकोण के अनुरूप वर्तमान शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र से एक ऐसी शिक्षा प्रणाली की स्थापना करना है, जो भारतीय भाषाओं पर आधारित हो।
एआईसीटीई के चेयरमैन प्रो. (डॉ.) टी.जी. सीताराम ने अपना समर्थन व्यक्त करते हुए कहा, भारतीय भाषाओं में टेक्नोलॉजी का एकीकरण शिक्षा के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह शिखर सम्मेलन टेक्नोलॉजी द्वारा प्रदान किए जाने वाले अवसरों को अपनाते हुए हमारी समृद्ध भाषाई विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए हमारी प्रतिबद्धता का एक उदाहरण स्थापित करेगा।
प्रौद्योगिकी समागम के दौरान, भारतीय भाषाओं के लिए टेक्नोलॉजी का लाभ उठाना, ऑपरेटिंग सिस्टम और सॉफ्टवेयर स्थानीयकरण, सर्च इंजन स्थानीयकरण और अन्य एजेंडों पर प्रमुख चर्चाएं होंगी। इस दो दिवसीय प्रौद्योगिकी समागम के दौरान, भारतीय भाषाओं में शिक्षा के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार किया जाएगा, जिसमें शिक्षाविदों, छात्रों, अनुसंधान विद्वानों, एडुटेक और इन्फोटेक उद्योग के पेशेवरों, तकनीकी विशेषज्ञों, मीडिया सहित विभिन्न क्षेत्रों के हितधारकों की सक्रिय भागीदारी होगी।
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Source : IANS