Advertisment

पूर्व सीएम रघुवर की सीएम हेमंत से मांग- एसटी सर्टिफिकेट सिर्फ उन्हें जारी हो जो आदिवासी रीति-रिवाजों पर चलते हों

पूर्व सीएम रघुवर की सीएम हेमंत से मांग- एसटी सर्टिफिकेट सिर्फ उन्हें जारी हो जो आदिवासी रीति-रिवाजों पर चलते हों

author-image
IANS
New Update
--20230928190605

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुवर दास ने राज्य सरकार से मांग की है कि अनुसूचित जनजाति (एसटी) का सर्टिफिकेट सिर्फ उन लोगों को जारी किया जाए, जो आदिवासी समाज के स्थापित रीति रिवाज, रूढ़ियों, परंपराओं, अनुष्ठान, वेशभूषा और उत्तराधिकार-विरासत के नियमों का पालन करते हैं।

रघुवर दास ने इस मांग पर सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है। दास ने कहा है कि 1997 में केरल राज्य एवं एक अन्य बनाम चन्द्रमोहनन मामले में केरल हाईकोर्ट ने स्पष्ट फैसला सुनाया था कि अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र निर्गत करने का क्या-क्या आधार होना चाहिए?

उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन से कहा है कि आप अनुसूचित जनजाति जनजाति समाज से आते हैं और अब जनजातीय समाज आप से अपेक्षा करता है कि उसके साथ न्याय हो।

रघुवर दास ने हेमंत सोरेन से कहा है कि सरना कोड के नाम पर आप जनजातीय समाज विशेष कर सरना समाज को गुमराह कर रहे हैं। इससे बेहतर है कि जो आपके हाथ में है, कम से कम उसे तो लागू कर दें। अनुसूचित जनजाति समाज की सालों पुरानी मांग है कि स्थापित रीति रिवाज, पारंपरिक वेशभूषा और परंपराओं को मानने वालों को ही एसटी जाति प्रमाण पत्र निर्गत किया जाये।

रघुवर दास ने पत्र में केरल हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि अनुसूचित जनजाति का सर्टिफिकेट उन आवेदकों को जारी किया जाना चाहिए, जिनके माता एवं पिता दोनों ही अनुसूचित जनजाति के सदस्य हैं। यह सुनिश्चित होना चाहिए कि उनके माता-पिता का विवाह संबंधित जनजाति की रूढ़ियों एवं परंपरा के अनुसार हुआ हो और उसे जनजातीय समाज द्वारा मान्यता दी गई हो।

आवेदक एवं उसके माता-पिता जातिगत रूढ़ियों, परंपराओं एवं अनुष्ठान का पालन करते हों। आवेदक एवं उसके माता-पिता अपने पूर्वजों की विरासत एवं उत्तराधिकार के नियमों का पालन करते हों। भाजपा नेता ने हेमंत सोरेन को लिखे पत्र में उनपर आदिवासियों से विश्वासघात करने का आरोप भी लगाया है।

उन्होंने लिखा है कि आपके मुख्यमंत्री बनने के साथ सबसे अधिक विश्वासघात आपने जनजातीय समाज के साथ ही किया है। ये बात किसी से छिपी नहीं है कि जनजातीय समाज को आज झारखंड में किस खराब दौर से गुजर रहा है। झारखंड में जनजातीय समाज की परंपरा और पहचान आपकी सरकार की वजह से संकट में आ गयी है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment