भारतीय वायुसेना 21 सितंबर को जम्मू हवाईक्षेत्र में एयर शो करने जा रही है। जम्मू में होने वाला आज यह एयर शो अपनी तरह का खास एयर शो होगा। वायुसेना के अधिकारियों का कहना है कि इस एयर शो का आयोजन भारतीय वायुसेना व स्थानीय प्रशासन के सहयोग से किया जा रहा है।
इस एयर शो में लड़ाकू जेट और हेलीकॉप्टर सहित विभिन्न प्रकार के विमान शामिल होंगे। इस एयर शो में दर्शकों के लिए जिला प्रशासन की ओर से विशेष व्यवस्था की जाएगी। यहां इस एयर शो में स्काई-डाइविंग एक अतिरिक्त आकर्षण होगा।
जानकारी के मुताबिक, वायुसेना के जांबाज पैराशूट के साथ विमान से हवा में छलांग लगाएंगे।
गौरतलब है कि इन दिनों भारतीय वायुसेना ने चीन और पाकिस्तान सीमा के समीप ट्रेनिंग अभ्यास त्रिशूल शुरू किया है। भारत में जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले ये ट्रेनिंग अभ्यास काफी मायने रखता है। भारतीय वायुसेना के सबसे बड़े पश्चिमी वायु कमांड का यह सलाना अभ्यास जम्मू कश्मीर के लद्दाख, हिमाचल व पंजाब के क्षेत्रों में 14 सितंबर तक चलेगा।
इस अभ्यास में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में वायुसेना के एयरकाफ्ट अपनी तैयारियों का निरीक्षण कर रहे हैं। वायुसेना के साथ-साथ आर्मी भी त्रिशूल अभ्यास का हिस्सा है। वायुसेना के त्रिशूल अभ्यास में हिस्सा ले रहे विमान जम्मू कश्मीर सीमा से लगे हुए लंगेरा, चुराह, सतरूंडी, मंगली, महलनाग क्षेत्रों लड़ाकू विमान उड़ रहे हैं। चीन और पाकिस्तान की सीमा पर उत्तरी क्षेत्र में आयोजित इस अभ्यास में राफेल, मिराज 2,000 समेत लड़ाकू विमानों के साथ चिनूक, अपाचे और भारी-लिफ्ट परिवहन विमान शामिल हैं।
इसके साथ ही त्रिशूल अभ्यास के दौरान हेलिकाप्टर्स का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। गरुड़ विशेष बल भी इस अभ्यास का हिस्सा है। यह अभ्यास 14 सितंबर तक लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और पंजाब सहित उत्तरी क्षेत्रों में होना है। भारत में आयोजित जी-20 से पहले हो रहे इस प्रशिक्षण अभ्यास को लेकर सेनाओं का कहना है कि यह एक सामान्य व पूर्व नियोजित कार्यक्रम है।
जानकारी के मुताबिक, त्रिशूल युद्धाभ्यास की प्रक्रिया रविवार देर रात से ही शुरू हो गई थी और 4 सितंबर से इसे आधिकारिक तौर पर शुरू किया गया। त्रिशूल युद्धाभ्यास भारत की उत्तरी सीमा पर 1400 किलोमीटर के क्षेत्र में किया जा रहा है। इसमें पंजाब सहित जम्मू कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के इलाके भी शामिल हैं। त्रिशूल अभ्यास के अंतर्गत भारतीय वायुसेना के जवान 14 सितंबर तक युद्ध की सभी बारीकियों का अभ्यास करेंगे।
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Source : IANS