साल 2006 में केरल के कोल्लम में रहने वाली एक महिला और 17 दिन की उसकी जुड़वा बिटियों की हत्या हो गई थी. तीनों का गाला काट दिया गया था. हत्याकांड के दो आरोपी 19 साल बाद पकड़ाए गए. सीबीआई ने दोनों को पकड़ा है. अदालत में उन्हें पेश किया गया, जिन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
मामले में सुलझाने में 19 साल लगे, ये तो हैरानी वाली बात है लेकिन इससे ज्यादा हैरान करती है केस को सुलझाने का तरीका. एआई की मदद से केस को सुलझ सका और सीबीआई आरोपियों के गिरबान को पकड़ सकी.
यहां से शुरू होता है पूरा केस
पुलिस ने बताया कि रंजिनी और दिविल एक ही गांव के रहने वाले थे. दोनों के बीच संबंध थे. लेकन जब रंजिनी गर्भवती हो गई तो दिविल ने उससे दूरी बना ली और पठानकोट रहने लगा. जनवरी 2006 में रंजिनी ने दो बेटियों को जन्म दिया. राजेश ने खुद को अनिल कुमार बताया और उससे दोस्ती कर ली. राजेश ने उसे सहारा देने की कोशिश की. इधर, रंजिनी ने दिविल को सजा दिलाने की ठान ली थी. राज्य महिला आयोग ने उसके पक्ष में फैसला सुनाया और कहा कि दिविल को डीएनए टेस्ट करवाना ही होगा.
ऐसे दिया हत्या को अंजाम
इस आदेश के कारण दिविल ने उसकी हत्या की प्लानिंग की. खास बात है कि राजेश और दिविल दोनों पुराने दोस्त थे. हत्या को अंजाम देने के लिए रंजिनी की मां को राजेश ने किसी काम से पंचायत कार्यालय भेज दिया. इसके बाद दोनों दोस्तों ने रंजिनी और उसकी दोनों बेटियों का गला काट दिया.
पुलिस ने जांच शुरू की लेकिन सफलता नहीं मिली
अब पुलिस बाइक के रजिस्ट्रेशन नंबर की मदद से पठानकोट की सैन्य छावनी पहुंची. लेकिन शातिर आरोपी पहले ही यहां से भाग गए थे.
फिर शुरू हुई जांच, एआई ने निभाई मुख्य भूमिका
2023 में केरल की तकनीकी शाखा ने दोबारा मामले की जांच शुरू की. इस बार पुलिस अपग्रेडेड तकनीक के साथ मैदान में उतरी. पुलिस ने फ्रंटफुट पर एआई का इस्तेमाल किया. पुलिस ने एआई की मदद से आरोपियों की 19 साल पुरानी फोटो को एआई की मदद से अपटेड किया और देखा कि 19 साल बाद दोनों कैसे दिखाई देंगे. पुलिस ने इसके बाद सोशल मीडिया खंगालना शुरू कर दिया.
इस तरह से आरोपी तक पहुंची पुलिस
पुलिस को सोशल मीडिया पर एक तस्वीर मिली, जो किसी शादी समारोह की थी. समारोह में शामिल एक व्यक्ति की फोटो राजेश से 90 प्रतिशत मिलती-जुलती मिली. पुलिस को सिग्नल मिल गया. पुलिस ने तफ्तीश की तो पता चला की वह अभी पुडुचेरी में है. पुलिस ने राजेश की मदद से दिविल को भी पकड़ लिया.
आरोपियों ने अपना नाम और काम दोनों बदला
2006 के हत्याकांड के दोनों आरोपियों को सीबीआई ने 19 साल बाद गिरफ्तार कर लिया. दोनों एक अलग पहचान के साथ समाज में रह रहे थे. दोनों ने अपना नाम दिविल और राजेश से बदलकर विष्णु और प्रवीण कुमार कर लिया था. दोनों अब सेना में नहीं थे. उन्होंने इंटीरियर डिजाइनिंग का काम शुरू कर दिया था.