18वीं लोकसभा का पहला सत्र मंगलवार को समाप्त हो गया। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को लोकसभा द्वारा मंगलवार को पारित किए जाने के बाद लोकसभा स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।
इससे पहले 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के दौरान हुए कामकाज की जानकारी सदन में बताते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि पहले सत्र के दौरान लोकसभा की 7 बैठकें हुईं, जो 34 घंटे तक चली। पहले सत्र में लोकसभा की उत्पादकता 103 प्रतिशत रही। सत्र के दौरान 539 सदस्यों ने शपथ ली। 26 जून, 2024 को हुए लोकसभा अध्यक्ष के निर्वाचन का उल्लेख करते हुए बिरला ने ध्वनिमत से दूसरी बार अध्यक्ष चुने जाने पर आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान 26 जून, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में मंत्रिपरिषद का परिचय कराया। राष्ट्रपति ने 27 जून 2024 को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। उन्होंने आगे बताया कि राहुल गांधी की नेता प्रतिपक्ष के रूप में नियुक्ति को 27 जून, 2024 को लोकसभा में घोषित किया गया। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा 18 घंटे से अधिक समय तक चली और 68 सांसदों ने चर्चा में भाग लिया। इसके अतिरिक्त, 50 सांसदों ने अपने-अपने वक्तव्य सभा पटल पर रखे। 2 जुलाई, 2024 को प्रधानमंत्री के जवाब के पश्चात प्रस्ताव पारित हुआ और चर्चा समाप्त हुई।
स्पीकर ने बताया कि नियम 377 के तहत कुल 41 मामले उठाए गए, निर्देश 73 (क) के तहत 3 वक्तव्य दिए गए और सत्र के दौरान 338 पत्र सभा पटल पर रखे गए। उन्होंने सदस्यों की शपथ और अध्यक्ष के निर्वाचन की कार्यवाही के सुचारू संचालन के लिए प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब के प्रति आभार व्यक्त किया।
उन्होंने सदन के सुचारू कामकाज में योगदान के लिए प्रधानमंत्री मोदी, संसदीय कार्य मंत्री, सदन में दलों के नेताओं और सदन के सदस्यों को भी धन्यवाद दिया।
बता दें कि नवनिर्वाचित सांसदों के शपथ, लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव, राष्ट्रपति के अभिभाषण और उस पर चर्चा के लिए 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू हुआ था और इसे 3 जुलाई तक चलना था, लेकिन सदन की कार्यवाही को एक दिन पहले ही 2 जुलाई को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
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Source : IANS