झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से प्रारंभ होगा। इससे संबंधित प्रस्ताव पर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने बुधवार को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। सत्र 22 दिसंबर तक चलेगा और इसमें छह कार्य दिवस होंगे।
यह सत्र कई मायने में अहम होगा। सरकार इस सत्र में डोमिसाइल, आरक्षण वृद्धि और एंटी मॉब लिंचिंग बिल फिर से ला सकती है। पूर्व में पारित ये तीनों बिल राज्यपाल अलग-अलग वजहों से लौटा चुके हैं।
झारखंड की पांचवीं विधानसभा के गठन के करीब चार साल बाद यह पहला सत्र होगा, जिसमें नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी खाली नहीं होगी। झारखंड भाजपा विधायक दल के नए नेता अमर कुमार बाउरी को विधानसभा अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष के तौर पर मान्यता दे दी है।
इसके पहले भाजपा ने बाबूलाल मरांडी को विधायक दल का नेता बनाया था, लेकिन उनके खिलाफ दल-बदल का केस लंबित रहने की वजह से उन्हें नेता प्रतिपक्ष के तौर पर मान्यता नहीं दी गई थी। हालांकि, इस मामले को लेकर भाजपा ने पांचवीं विधानसभा के शुरुआती दो-तीन सत्रों में जबरदस्त हंगामा किया था।
पांचवीं विधानसभा का यह संभवतः आखिरी शीतकालीन सत्र होगा, क्योंकि झारखंड में अगले साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव कराए जाने के आसार हैं। हाल में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों का ऐलान हुआ है। इसका भी असर इस सत्र में दिख सकता है।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS