नोएडा पुलिस ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है जो लोगों को लोन दिलाने और बीमा पॉलिसी के नाम पर फंसा कर उनसे ठगी किया करता था। इस गिरोह के 9 महिला सदस्यों के साथ 2 पुरूषों को भी गिरफ्तार किया गया है। इनके कब्जे से 25 मोबाइल, 81 डाटा शीट, 1 रजिस्टर, 1 ब्लैक डायरी, 2 फर्जी आधार कार्ड बरामद हुए हैं।
पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि 5 जुलाई को सीआरटी व थाना सेक्टर 49 पुलिस ने संयुक्त कार्यवाही करते हुये लोकल इंटेलिजेंस एवं गोपनीय सूचना के आधार पर लोन व बीमा पॉलिसी के नाम पर दिल्ली एनसीआर के लोगों को अपने जाल में फंसाने वाले 11 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है।
इन सभी को शर्मा मार्केट की चौथी मंजिल ग्राम होशियारपुर सेक्टर 51 नोएडा से गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस पूछताछ में आशीष कुमार उर्फ अमित ने बताया कि वह इस सेन्टर को चला रहा था। वह एनसीआर क्षेत्र से बाहर राज्यों के लोगों को मोटी कमाई के लालच में लोन व बीमा के नाम पर धोखाधड़ी का काम करता था, जिसमें ये सभी लोग कमीशन पर उसकी मदद करते थे। जिसका जितना काम होता था, उसका उतना कमीशन कैश के रूप में मिल जाता था।
आरोपी आशीष ने कर्नाटक में रहने वाले एक व्यक्ति अरविंद का पीएनबी बैंक का एक अकाउंट किराए पर ले रखा था जिसके लिए वह 10,000 रुपया महीना किराया देता था। उसका डेबिट कार्ड/एटीएम भी आशीष के पास था। जैसे ही इसमें पैसे आ जाते थे, एटीएम से जाकर पैसे निकाल लेता था। आरोपी के पास एक काली डायरी है जिसके अन्दर पैसे का लेन-देन का हिसाब लिखा है।
पुलिस ने अन्य आरोपियों से जब कड़ाई से पूछताछ की तो पता चला कि ये सब लोग मिल कर दिल्ली-एनसीआर के बाहर के राज्यों के भोले भाले लोगों को टारगेट करते थे। बड़ी हिस्सेदारी जितेन्द्र व आशीष की होती थी। ये पूरा गिरोह सुबह लगभग 8 बजे से लेकर रात 8 बजे तक कॉल करते थे। जो मोबाइल फोन ये लोग उपयोग करते थे उनके सिम ये गैंग फर्जी आधार कार्ड के जरिये लिया करते थे।
पुलिस ने बताया कि अभियुक्त आशीष उर्फ अमित दिल्ली यूनिवर्सिटी से बी कॉम का छात्र रहा है। वर्ष 2019 में वह और जितेंद्र दोनों एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस में पॉलिसी बेचने का काम करते थे। फिर दोनों ने सोचा कि कुछ बड़ा काम किया जाए। इस उद्देश्य से इन्होंने कुछ लड़कियों को अपने साथ जोड़कर फर्जी कालिंग कर बीमा व लोन देने के नाम पर इंडिया मार्ट की साइट से 2500 रुपये में लगभग 10,000 लोगों का पूरे भारतवर्ष के डेटा को खरीदकर लोगों को फोन कर पैसे लेने का काम शुरू किया था।
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Source : IANS