झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि रांची में रात 10 बजे के बाद डीजे एवं लाउडस्पीकर बजाने और बैंड-बाजे के साथ बारात कैसे निकल रही है? इसकी इजाजत कौन और कैसे दे रहा है?
बढ़ते ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने की मांग से जुड़ी एक जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डॉ. बीआर षाडंगी एवं जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने सरकार से ये सवाल पूछे।
कोर्ट ने जानना चाहा कि इस पर रोक के लिए सरकार की ओर से क्या-क्या कदम उठाए गए हैं, ऐसे मामलों में क्या कार्रवाई की गई है और ध्वनि प्रदूषण पर रोक के लिए आगे की क्या योजनाएं हैं? कोर्ट ने सरकार से इस मामले में एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता ने बताया कि अदालत के आदेश के आलोक में राज्य सरकार ने ध्वनि प्रदूषण होने पर शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर 112 जारी किया है। इस नंबर पर ध्वनि प्रदूषण संबंधी समस्या की शिकायत करने से तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
इस पर अदालत ने कहा कि ऐसे मामलों में जनता से ही शिकायत करने को क्यों कहा जा रहा है? जब इसे लेकर पूर्व से नियम हैं और कोर्ट ने भी आदेश दिया है, तो उनका पालन क्यों नहीं कराया जा रहा है? ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाना सरकार का दायित्व है।
कोर्ट ने जिस जनहित याचिका पर सुनवाई की, वह सिविल सोसाइटी की ओर से दाखिल की गई है। उनकी ओर से अधिवक्ता खुशबू काटारूका ने अदालत को बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद भी रात 10 बजे के बाद बारात निकाली जाती है। रिहायशी इलाकों में रात में भी तेज ध्वनि से लाउडस्पीकर बजाया जाता है, इससे लोगों को परेशानी होती है। सरकार को कोर्ट के आदेश का सख्ती से पालन कराना चाहिए, ताकि इस तरह की गतिविधियों पर रोक लग सके।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS