भाजपा ने कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के बयान की तीखी आलोचना की है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को अपनी करारी हार की आशंका हो चुकी है और इसीलिए पीएम नरेंद्र मोदी को सत्ता से हटाने के लिए पाकिस्तान से हस्तक्षेप की मांग करने वाले मणिशंकर अय्यर अब चीन से सहायता मांग रहे हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर द्वारा 1962 में चीन द्वारा किए गए आक्रमण को कथित हमला बताए जाने पर बोलते हुए राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से जवाब देने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां प्रधानमंत्री मोदी जनता के सामने अपना रिपोर्ट कार्ड रख रहे हैं और 400 पार के आंकड़ों के साथ एनडीए गठबंधन फिर से सरकार बनाने जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ इसके ठीक विपरीत कांग्रेस पार्टी देश विरोधी, सेना का मनोबल तोड़ने वाले और जनता के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने वाला बयान दे रही है। मणिशंकर अय्यर का ये बयान कोई चुनाव को देखते हुए दिया हुए चीन प्रेम को जाहिर करने वाला साधारण बयान नहीं है। ये बयान भारत की अखंडता पर चोट है और तिरंगे के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले हर सैनिक का अपमान है। 1962 के भारत-चीन युद्ध में तिरंगे के लिए आखिरी सांस तक लड़ते हुए 1,400 के लगभग सैनिक शहीद हुए, 1,047 सैनिक घायल हुए, 1,700 सैनिक लापता हुए एवं 4,000 सैनिक युद्धबंदी बने। लेकिन, कांग्रेस के अनुसार ये एक कथित आक्रमण था।
भाटिया ने आगे कहा कि मणिशंकर अय्यर के इस गद्दार वचन के पीछे की जहरीली सोच राहुल गांधी से प्रेरित है, जो राहुल गांधी डोकलाम के समय चीनी दूतावास में नूडल्स खा रहे थे। कुछ दिन पहले मणिशंकर अय्यर ने ही पाकिस्तान के पास परमाणु बम होने का धमकी भरा बयान दिया था। चुनाव के समय कांग्रेस के टावर से दोनों शत्रु देशों को सिग्नल क्यों दिए जा रहे हैं ? कांग्रेस को अपनी करारी हार की आशंका हो चुकी है और इसीलिए पीएम मोदी को सत्ता से हटाने के लिए पाकिस्तान से हस्तक्षेप करने की मांग करने वाले अय्यर अब चीन से सहायता मांग रहे हैं। लेकिन, देश की जनता ने चुनाव के सातवें चरण में इस भारत विरोधी टावर को ही उखाड़ फेंकने का मन बना लिया है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने आगे कहा कि राहुल गांधी देश के प्रधानमंत्री के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं और 2008 में चीन के साथ पार्टी-टू-पार्टी एमओयू पर किए हस्ताक्षर के कारण चीन को क्लीन चिट देते हैं। इस करार में किन शर्तों पर हस्ताक्षर किए गए ये जानकारी अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है। इस करार में राहुल गांधी ने स्वीकारा था कि वह भारत के खिलाफ बोल सकते हैं, लेकिन, चीन की निंदा नहीं करेंगे। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस एमओयू और कथित आक्रमण के बयान पर चुप्पी साध रखी है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत आज इतना शक्तिशाली हो चुका है कि चीन को झुका सकता है। लेकिन, राहुल गांधी कहते हैं कि भारतीय सेना चीनी सेना से पिट गई है। जबकि, पूरा देश गर्व से कहता है भारतीय सेना विश्व की शक्तिशाली सेनाओं में से एक है।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के इशारे पर शत्रु देशों की प्रशंसा करने वाले कांग्रेसी नेताओं को चीन का बीन बजाना बंद कर, चीन को आईना दिखाना चाहिए। राहुल गांधी के करार के अलावा कांग्रेस ने राजीव गांधी फाउंडेशन में चीन से रिश्वत भी ली है और आज तक जनता को इसके बारे में नहीं बताया है। राहुल गांधी उस चीन को क्लीन चिट दे रहे हैं, जिसने जवाहरलाल नेहरू के समय में भारत की 43 हजार स्क्वायर किमी जमीन पर कब्जा किया था। भारत का अपनी जमीन के हर इंच पर वैध दावा है और मणिशंकर अय्यर चीन को क्लीन चिट दे रहे हैं। गंभीर प्रश्न यह है कि राहुल गांधी और कांग्रेस, अय्यर जैसे नेताओं को वीर सैनिकों का मनोबल तोड़ने की अनुमति कैसे दे रहे हैं ?
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Source : IANS