'इंडिया अलायंस' ने बी. सुदर्शन रेड्डी को किया सम्मानित, खड़गे बोले- लोकतंत्र के लिए जरूरी है उनका जीतना

'इंडिया अलायंस' ने बी. सुदर्शन रेड्डी को किया सम्मानित, खड़गे बोले- लोकतंत्र के लिए जरूरी है उनका जीतना

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IANS
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'इंडिया अलायंस' ने बी. सुदर्शन रेड्डी को किया सम्मानित, खड़गे बोले- लोकतंत्र के लिए जरूरी है उनका जीतना

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 20 अगस्त (आईएएनएस)। इंडिया अलायंस के नेताओं ने बुधवार को उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी के सम्मान में एक अभिनंदन समारोह आयोजित किया। यह समारोह संसद भवन परिसर के सेंट्रल हॉल में हुआ, जहां रेड्डी को सम्मानित किया गया। विपक्षी दलों ने उनकी उम्मीदवारी को एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण कदम करार दिया।

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कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया। उन्होंने लिखा, पूर्व जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी न्याय के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता के लिए निडरता से काम किया और ऐसे ऐतिहासिक फैसले दिए, जिन्होंने हमारे लोकतंत्र को मजबूत किया। यह उपराष्ट्रपति चुनाव केवल एक पद के लिए नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्र की आत्मा के लिए वैचारिक संघर्ष है। जहां सत्तारूढ़ दल ने आरएसएस की विचारधारा को चुना है, वहीं हम संविधान और उसके मूल्यों को अपना मार्गदर्शक मानते हैं।

उन्होंने कहा, रेड्डी उन शाश्वत मूल्यों का प्रतीक हैं जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को गति दी, जो हमारे संविधान की नींव हैं। जब हमारे लोकतांत्रिक संस्थानों की निष्पक्षता अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना कर रही है, तब उनकी उम्मीदवारी राज्यसभा के कामकाज में निष्पक्षता, ईमानदारी और गरिमा को पुनर्जनन की प्रतिबद्धता है। भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की विश्वसनीयता इस बात पर निर्भर करती है कि संसद एक मजबूत मंच के रूप में कार्य करे, जहां सांसद स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से लोगों की समस्याओं और आकांक्षाओं को व्यक्त करें।

खड़गे ने सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, पिछले 11 सालों में विपक्ष के प्रति सत्तापक्ष भारी भेदभाव कर रहा है। सत्तापक्ष खुद संसदीय कार्यों में बाधा डालने का काम करता है। बहुमत का दुरुपयोग कर जन-विरोधी कानून पारित करने का काम तब भी जारी है, जबकि यह अल्पमत की सरकार है। मानसून सत्र में भी पूरे देश ने देखा है कि कैसे मोदी सरकार ने बिना विपक्ष की भागीदारी के मनमाने तरीके से जल्दबाजी में बिलों को पारित किया है। इसमें सभापति की भूमिका भी काफी अहम रही। विपक्षी सांसदों को बोलने न देना, उन्हें बिना कारण निलंबित कर देना, भारतीय संसद के लिए काला अध्याय साबित हुआ।

उन्होंने आगे कहा, उपराष्ट्रपति का पद देश का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद है। डॉ. एस. राधाकृष्णन के जमाने से जो शानदार परंपराएं राज्यसभा में स्थापित हुई थीं और विपक्ष को वाजिब सम्मान मिलता रहा था, वे सारी परंपराएं अब खंडित हो रही हैं। इस मौके पर मैं दोनों सदनों के सभी सांसदों से यह अपील करना चाहूंगा कि संविधान, संसद और लोकतंत्र की उच्चतम मर्यादाओं को दोबारा स्थापित करने के लिए सभी सुदर्शन रेड्डी को समर्थन देकर निर्वाचित करें।

--आईएएनएस

एफएम/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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