चंडीगढ़, 26 जुलाई (आईएएनएस)। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने शनिवार को पंजाब की भगवंत मान सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस के अवसर पर श्रीनगर में आयोजित कार्यक्रम में नाच-गाने के आयोजन का आरोप लगाया, जो सिख धर्म की मर्यादा के अनुसार नहीं है।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने आईएएनएस से बात करते हुए पंजाब सरकार की तरफ से गुरु तेग बहादुर के 350वें शहीदी दिवस पर श्रीनगर में आयोजित कार्यक्रम को लेकर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कश्मीर में किए गए समागम कार्यक्रम में नाच-गाने का आयोजन किया गया, जो सिख धर्म की मर्यादा के अनुसार नहीं हैं। गुरु तेग बहादुर जी ने शहादत दी थी, वैसे भी गुरुमत के अनुसार अपना संगीत है। ऐसे में यह बेअदबी का मामला है, जिसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
लालपुरा ने कहा, पंजाब सरकार ने जम्मू-कश्मीर में जो समागम किया, जिसमें नाच और गाने का इंतजाम किया गया, वे नाच-गाने सिख धर्म की मान्यताओं के अनुसार नहीं थे। गुरु तेगबहादुर साहब ने शहादत दी थी। शहादत के समय ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए। वहीं, गुरुमत के अनुसार ऐसे आयोजन के लिए हमारी अपनी एक विधि है। गुरु ग्रंथ साहब को राग विद्या से लिखा गया है, जिसमें 31 राग हैं। ऐसे में इसका अपना संगीत है, जिसका राग विद्या के अनुसार गायन किया जाता है। इसकी अपनी एक विधि है। ऐसे में आयोजन में जो किया गया, वो बिल्कुल ही सिख धर्म के खिलाफ है। यह बेअदबी का मामला है।
वहीं श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से पंजाब के शिक्षा मंत्री को तलब करने पर उन्होंने सहमति जाहिर करते हुए कहा, श्री अकाल तख्त सुप्रीम है और हम सभी उन्हें मानते हैं।
बिक्रम मजीठिया की गिरफ्तारी पर कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के बयान पर लालपुरा ने कोई टिप्पणी नहीं की।
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