जूपी ने रियल-मनी गेमिंग पर प्रतिबंध के बाद 170 कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान किया

जूपी ने रियल-मनी गेमिंग पर प्रतिबंध के बाद 170 कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान किया

जूपी ने रियल-मनी गेमिंग पर प्रतिबंध के बाद 170 कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान किया

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IANS
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Zupee to lay off 170 employees after ban on real-money gaming

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। ऑनलाइन गेमिंग कंपनी जूपी ने गुरुवार को 170 कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान किया है, यह कंपनी की कुल वर्कफोर्स का 30 प्रतिशत है। कंपनी की ओर से यह फैसला ऑनलाइन रियल-मनी गेमिंग पर प्रतिबंध के बाद लिया गया है।

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इससे पहले गेम्स24x7, बाजी गेम्स और मोबाइल प्रीमियर लीग की ओर से कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान किया जा चुका है।

जूपी के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिलशेर सिंह मल्ही ने कहा, यह हमारे लिए एक कठिन फैसला था, लेकिन नए नियामक ढांचे के अनुकूल होना जरूरी था। हमारे जो सहकर्मी हमें छोड़ रहे हैं, वे जूपी की यात्रा का एक अभिन्न हिस्सा रहे हैं और हम उनके योगदान के लिए हमेशा आभारी रहेंगे।

गुरुग्राम स्थित गेमिंग प्लेटफॉर्म ने कहा कि नोटिस अवधि के बदले भुगतान के अलावा, वह अपने 170 कर्मचारियों को अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी दे रहा है।

कंपनी द्वारा दिए जाने वाले स्वास्थ्य और बीमा लाभ प्रभावित कर्मचारियों के कंपनी छोड़ने के बाद भी पूरे कार्यकाल तक जारी रहेंगे।

कंपनी ने एक बयान में कहा, इसके अलावा, हमने अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए 1 करोड़ रुपए का चिकित्सा सहायता कोष स्थापित किया है, ताकि कोई भी व्यक्ति अपने अगले अवसर की तलाश करते समय असुरक्षित महसूस न करे।

कंपनी ने बताया कि जब नई नौकरियां खुलेंगी, तो वह अपने बर्खास्त कर्मचारियों को फिर से नियुक्त करने को प्राथमिकता देगी।

सरकार ने अगस्त में एक कानून पारित किया था जिसके तहत उन ऑनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया था जिनमें उपयोगकर्ताओं को पैसे जीतने की उम्मीद में जमा राशि जमा करनी होती है। इस नया कानून से देश का 3.8 अरब डॉलर का गेमिंग उद्योग प्रभावित हुआ है। इससे लगभग 2 लाख नौकरियां, 25,000 करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और 20,000 करोड़ रुपए का कर राजस्व समाप्त हो जाएगा।

इस अधिनियम में रियल-मनी गेमिंग की पेशकश करने या इसमें शामिल पाए जाने वालों के लिए 3 साल की कैद और 1 करोड़ रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

इसके अलावा, विधेयक में ऐसे खेलों के विज्ञापन, प्रचार या प्रायोजन के लिए दो साल की जेल या 50 लाख रुपए के जुर्माने का प्रस्ताव रखा गया है। इसके अलावा, इसमें ई-स्पोर्ट्स, शैक्षिक प्लेटफॉर्म और सोशल गेम्स के लिए एक नियामक की सिफारिश की गई है।

--आईएएनएस

एबीएस/

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