सुबह की एक कप कॉफी में छुपा है आपकी लंबी उम्र का राज, एक नए शोध का खुलासा

सुबह की एक कप कॉफी में छुपा है आपकी लंबी उम्र का राज, एक नए शोध का खुलासा

सुबह की एक कप कॉफी में छुपा है आपकी लंबी उम्र का राज, एक नए शोध का खुलासा

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IANS
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Your morning cup of coffee key to slow down ageing, boost longevity: Study

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 28 जून (आईएएनएस)। क्या आप भी सुबह की कॉफी पीना पसंद करते हैं? एक नयी रिसर्च में पता चला है कि कॉफी आपको केवल तरोताजा ही नहीं करती, बल्कि बढ़ती उम्र की रफ़्तार को धीमा करने और लंबी उम्र में भी मदद कर सकती है।

कॉफी में मौजूद कैफीन को पहले भी कई सेहत से जुड़े फायदों से जोड़ा गया है, जैसे उम्र बढ़ने पर होने वाली बीमारियों का खतरा कम होना।

हालांकि, यूके में क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन से पता चला है कि कैफीन मानव कोशिकाओं के अंदर कैसे काम करता है और उसका असर किन जीन (आनुवंशिक गुणों) और प्रोटीन से जुड़ा होता है।

उन्होंने पाया कि कैफीन हमारे शरीर की कोशिकाओं में एक बहुत पुराने ऊर्जा-संबंधी सिस्टम को सक्रिय करता है। इसे एएमपीके कहा जाता है, जो यीस्ट (एक तरह का फंगस) और इंसानों दोनों में मौजूद रहता है।

क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के सेंटर फॉर मॉलिक्यूलर सेल बायोलॉजी में जेनेटिक्स, जीनोमिक्स और फंडामेंटल सेल बायोलॉजी के रीडर डॉ. चारलाम्पोस (बेबिस) रैलिस ने कहा, जब हमारी कोशिकाओं में ऊर्जा की कमी होती है, तब एएमपीके काम करना शुरू कर देता है और कोशिकाओं को संभालता है। कैफीन इस सिस्टम को चालू करने में मदद करता है।

दिलचस्प बात यह है कि एएमपीके वही सिस्टम है जिस पर मेटफॉर्मिन नाम की एक मधुमेह (डायबिटीज) की दवा भी असर डालती है। इस दवा और रैपामाइसिन नाम की एक दूसरी दवा का अध्ययन उम्र बढ़ने के असर को कम करने के लिए किया जा रहा है।

रिसर्च में यीस्ट मॉडल का इस्तेमाल कर वैज्ञानिकों ने दिखाया कि कैफीन एएमपीके पर असर डालकर कोशिकाओं की वृद्धि, डीएनए की मरम्मत और तनाव से लड़ने की क्षमता को प्रभावित करता है। ये सभी उम्र बढ़ने और बीमारी से जुड़े हैं।

इस अध्ययन का नेतृत्व करने वाले पोस्टडॉक्टरल शोध वैज्ञानिक डॉ. जॉन-पैट्रिक अलाओ ने कहा कि इस शोध से समझ आता है कि कैफीन सेहत और लंबी उम्र के लिए क्यों फायदेमंद हो सकता है। साथ ही, भविष्य में इसे खाने-पीने की चीजों, जीवनशैली या नई दवाओं के जरिए और बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने के रास्ते भी खुल सकते हैं।

--आईएएनएस

एएस/

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