नेपाल की सुप्रीम कोर्ट में निचले सदन को भंग किए जाने के खिलाफ याचिका दाखिल

नेपाल की सुप्रीम कोर्ट में निचले सदन को भंग किए जाने के खिलाफ याचिका दाखिल

नेपाल की सुप्रीम कोर्ट में निचले सदन को भंग किए जाने के खिलाफ याचिका दाखिल

author-image
IANS
New Update
Bhaktapur: Former Nepal PM KP Sharma Oli in Kathmandu

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

काठमांडू, 25 नवंबर (आईएएनएस)। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूनिफाइड मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट), यानी सीपीएन-यूएमएल ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर भंग किए गए निचले सदन (प्रतिनिधि सभा) को फिर से बहाल करने की मांग की है। आगामी चुनावों के मद्देनजर पार्टी ने खुद को चुनाव आयोग में रजिस्टर भी करा लिया है।

Advertisment

जेन-जी आंदोलन के चलते सितंबर में सत्ता से बेदखल हुए पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की पार्टी शुरू से ही निचले सदन को भंग किए जाने का विरोध करती आई है और लगातार कहती रही है कि ये असंवैधानिक था।

मंगलवार को यूएमएल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका के जरिए अपनी मांग दोहराई। दलील दी कि निचले सदन को भंग किया जाना असंवैधानिक था और इसे तुरंत बहाल कर दिया जाना चाहिए। याचिकाकर्ताओं ने मौजूदा सरकार को बर्खास्त करने की भी मांग उठाई है। तर्क दिया है कि प्रधानमंत्री कार्की को संवैधानिक रूप से नियुक्त नहीं किया गया था।

निचले सदन में पार्टी के पूर्व चीफ व्हिप महेश बरतौला और पूर्व व्हिप सुनीता बराल ने पूर्व सत्ताधारी दल की ओर से याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं।

बरतौला ने आईएएनएस को बताया कि उनकी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा इसलिए खटखटाया क्योंकि कार्की को प्रधानमंत्री बनाना और “असंवैधानिक तरीके से नियुक्त प्रधानमंत्री” का प्रतिनिधि सभा को भंग करना, दोनों ही असंवैधानिक थे।

रिट में नेपाली संविधान का हवाला देते हुए कार्की की नियुक्ति को चुनौती दी गई है। लिखा है, चूंकि कार्की निचले सदन की सदस्य नहीं रही हैं और वो सुप्रीम कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश रही हैं, इसलिए उनकी नियुक्ति संविधान के आर्टिकल 76 और 132(2) के खिलाफ है, और पहली नजर में असंवैधानिक है।

इसी तरह, राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल के 12 सितंबर के फैसले को रद्द करने की मांग की गई है (उन्होंने निचले सदन को भंग कर दिया था)। उनके 9 सितंबर के बाद के समय को अमान्य मानकर सदन को बहाल करने की मांग की गई है। ऐसे समय में जब नेपाली कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल के नेतृत्व वाली फिर से बनी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी चुनावी समर में कूदने को तैयार हैं, तो यूएमएल निचले सदन को फिर से बहाल करने पर जोर दे रही है।

यूएमएल ने ये भी कहा है कि वो अगले साल होने वाले संसदीय चुनावों में भी अपना दम दिखाएगी। यूएमएल ने मंगलवार को चुनाव आयोग में पंजीकरण भी करा लिया।

चुनाव आयोग में यूएमएल के रजिस्ट्रेशन के बाद, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री और सरकार के प्रवक्ता जगदीश खरेल ने कहा कि सभी राजनीतिक दल अब चुनावों के लिए तैयार हैं।

उन्होंने कहा, यहां तक ​​कि जिस दल ने नए चुनावों का विरोध किया था, उसने भी चुनाव आयोग में रजिस्टर करा लिया है।

--आईएएनएस

केआर/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Advertisment