विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हैजा के बढ़ते प्रकोप पर चिंता जताई, बताया तेज कार्रवाई की है जरूरत

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हैजा के बढ़ते प्रकोप पर चिंता जताई, बताया तेज कार्रवाई की है जरूरत

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हैजा के बढ़ते प्रकोप पर चिंता जताई, बताया तेज कार्रवाई की है जरूरत

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IANS
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WHO warns of worsening global cholera outbreaks, urging swift response

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

जिनेवा, 30 अगस्त (आईएएनएस)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बताया है कि संघर्ष और गरीबी के कारण हैजा का प्रकोप कई देशों में बढ़ रहा है और यह वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बन गया है।

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लेटेस्ट डिजीज आउटब्रेक न्यूज के अनुसार, 1 जनवरी से 17 अगस्त 2025 के बीच 31 देशों में हैजा के 4,09,000 मामले और 4,738 मौतें दर्ज की गईं, जिनमें से छह देशों में मृत्यु दर 1 प्रतिशत से अधिक रही।

आंकड़ों के अनुसार, पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र में सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए, जबकि अफ्रीकी क्षेत्र में सबसे अधिक मौतें हुईं।

रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि संघर्ष, बड़े पैमाने पर विस्थापन, प्राकृतिक आपदाएं और जलवायु परिवर्तन, विशेष रूप से ग्रामीण और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में, जहां बुनियादी ढांचा कमजोर है और स्वास्थ्य सेवा की पहुंच सीमित है, हैजा के प्रसार को बढ़ावा दे रहे हैं। इन सीमा-पार चुनौतियों ने हैजा प्रकोप ​​को और अधिक जटिल और नियंत्रित करना कठिन बना दिया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, वर्तमान हैजा आपातकाल को खत्म करने और भविष्य में ऐसी महामारियों को रोकने का एकमात्र स्थायी और दीर्घकालिक समाधान सुरक्षित पेयजल, साफ-सफाई और स्वच्छता तक पहुंच सुनिश्चित करना है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, हैजा के मामलों की संख्या और गंभीरता को देखते हुए, इसके एक देश से दूसरे देश और साथ ही देश के भीतर भी फैलने का जोखिम बहुत अधिक है।

इसके प्रसार को रोकने के लिए, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) निगरानी को मजबूत करने, मामलों के प्रबंधन में सुधार लाने, जल, स्वच्छता और स्वास्थ्य हस्तक्षेपों को बढ़ाने, टीकाकरण अभियान चलाने और जन स्वास्थ्य उपायों को लागू करने के लिए सीमा पार समन्वय बढ़ाने की सिफारिश करता है।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, हैजा एक गंभीर बीमारी है, जो विब्रियो कोलेरा नामक जीवाणु से फैलती है। यह जीवाणु दूषित खाने या पानी में पाया जाता है। यह एक वैश्विक जन स्वास्थ्य खतरा है। यह दुनिया भर में एक बड़ा खतरा है और गरीबी और असमानता का संकेत भी है। हैजा और अन्य जल जनित बीमारियों से बचने के लिए, साफ पानी, बेहतर साफ-सफाई और अच्छी स्वच्छता बहुत जरूरी है।

हैजा से पीड़ित अधिकांश लोगों को हल्का या मध्यम दस्त होता है और उनका इलाज ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ओआरएस) से किया जा सकता है। हालांकि, यह बीमारी तेजी से बढ़ सकती है, इसलिए जान बचाने के लिए जल्दी से इलाज शुरू करना जरूरी है। गंभीर बीमारी वाले मरीजों को नसों में तरल पदार्थ, ओआरएस और एंटीबायोटिक दवाओं की आवश्यकता होती है।

कुछ देशों में हैजा का प्रकोप नियमित रूप से होता रहता है। अन्य देशों में, ये कम बार होते हैं, और प्रकोपों ​​के बीच कई साल लग सकते हैं। हाल के वर्षों में विश्व स्वास्थ्य संगठन को सूचित किए गए हैजे के मामलों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। 2023 में, 45 देशों से डब्ल्यूएचओ को कुल 535,321 मामले और 4007 मौतें दर्ज की गईं।

--आईएएनएस

एससीएच/एएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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