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नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक नई रिपोर्ट में मंगलवार को कहा गया कि प्राइमरी हेल्थ केयर में निवेश बढ़ाना महत्वपूर्ण है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्थानीय और वैश्विक समुदाय अगली महामारी को रोकने और उसका जवाब देने के लिए तैयार हैं।
बर्लिन में चल रहे विश्व स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन के दौरान जारी वैश्विक तैयारी निगरानी बोर्ड (जीपीएमबी) की रिपोर्ट ने वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा में बदलाव की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया, क्योंकि दुनिया अभी भी कोविड-19 महामारी से उबर रही है और नई अस्थिरता, अनिश्चितता, जटिलता और अस्पष्टता का सामना कर रही है।
महामारी से बचाव की तैयारियों में परिवर्तनकारी बदलाव का आह्वान करते हुए, सभी देशों से रियल टाइम रिस्क असेसमेंट और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में अधिक निवेश करने का भी आग्रह किया।
पश्चिम अफ्रीका में इबोला महामारी के बाद 2018 में स्थापित जीपीएमबी, महामारियों और अन्य स्वास्थ्य संकटों के लिए दुनिया की तैयारियों की स्थिति की निगरानी करता है। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन और विश्व बैंक समर्थित एक पहल है।
जीपीएमबी की सह-अध्यक्ष और क्रोएशिया की पूर्व राष्ट्रपति कोलिंडा ग्रैबर-किटारोविक ने कहा, हमारी तेजी से अस्थिर और अनिश्चित होती दुनिया में, महामारियों और अन्य स्वास्थ्य आपात स्थितियों के लिए वास्तविक तैयारी अच्छी तरह से काम करने वाली और अच्छी तरह से वित्तपोषित प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों पर आधारित होनी चाहिए।
ग्रैबर-किटारोविक ने आगे कहा, मजबूत प्राथमिक स्वास्थ्य प्रणालियां समुदायों तक भलीभांति पहुंचती हैं, शांतिकाल में आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती हैं, और गहरा विश्वास पैदा करती हैं जो संकट आने पर इफेक्टिव हेल्थ रिस्पॉन्स (त्वरित कार्रवाई) के लिए आवश्यक है।
रिपोर्ट में सरकारों और संस्थानों से आग्रह किया गया है कि वे महामारी की तैयारियों के लिए वैश्विक स्वास्थ्य ढांचे को फिर से स्थापित करने के लिए एक आदर्श बदलाव अपनाएं, जिसमें तीन कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया जाए: देखभाल, उपाय और सहयोग।
इसमें कहा गया है कि प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में निवेश, समुदायों के साथ घनिष्ठ जुड़ाव और एक सुरक्षित स्वास्थ्य कार्यबल के माध्यम से फ्रंटलाइन सिस्टम (अग्रिम पंक्ति प्रणालियों) को बढ़ावा देने के लिए बदलाव अनिवार्य है।
उपाय कैसे हों इसका खुलासा भी रिपोर्ट में है। एक व्यापक महामारी जोखिम निगरानी प्रणाली स्थापित करने का आह्वान किया गया है जो रियल टाइम खतरों, कमजोरियों और तैयारियों पर नजर रखे। इसके साथ ही स्वास्थ्य, सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय आंकड़ों को इंटीग्रेट करे, ताकि सरकार को सही संकेत मिल पाए।
वहीं, सहयोग को लेकर, रिपोर्ट एकजुटता और समानता के सिद्धांतों की बात करती है, जिसमें एक वैश्विक स्वास्थ्य ढांचे के महत्व पर प्रकाश डाला गया है, और यह विश्व स्वास्थ्य संगठन महामारी समझौते पर सहमति, कार्यान्वयन और वित्तपोषण को प्रोत्साहित करता है।
--आईएएनएस
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