एच-1बी वीजा पर व्हाइट हाउस का स्पष्टीकरण, नया शुल्क केवल नए वीजा पर, रिन्यूअल पर नहीं (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

एच-1बी वीजा पर व्हाइट हाउस का स्पष्टीकरण, नया शुल्क केवल नए वीजा पर, रिन्यूअल पर नहीं (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

एच-1बी वीजा पर व्हाइट हाउस का स्पष्टीकरण, नया शुल्क केवल नए वीजा पर, रिन्यूअल पर नहीं (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

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IANS
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White House to IANS: H-1B Visa Fee only for new petitions, not renewals

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

वाशिंगटन, 20 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एच-1बी वीजा कार्यक्रम में शुल्क बढ़ाने संबंधी घोषणा पर हस्ताक्षर करने के एक दिन बाद व्हाइट हाउस ने शनिवार को स्पष्टीकरण जारी किया। व्हाइट हाउस ने आईएएनएस को बताया कि यह एक एकमुश्त शुल्क है, जो केवल नए वीजा पर लागू होता है, न कि रिन्यूअल (नवीनीकरण) या मौजूदा वीजा धारकों पर।

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व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, यह एकमुश्त शुल्क है जो केवल नए आवेदनकर्ताओं पर लागू होता है। यह केवल नए वीजा पर लागू होता है, रिन्यूअल या मौजूदा वीजा धारकों पर नहीं। यह पहली बार अगले आगामी लॉटरी चक्र में लागू होगा।

व्हाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस को यह भी स्पष्ट किया कि यह नीति कंपनियों को सिस्टम में स्पैम करने से हतोत्साहित करेगी।

व्हाइट हाउस की प्रवक्ता टेलर रोजर्स ने कहा, राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी कामगारों को प्राथमिकता देने का वादा किया था और यह व्यावहारिक कदम कंपनियों को सिस्टम को स्पैम करने और वेतन कम करने से हतोत्साहित करके ठीक यही करता है। यह उन अमेरिकी व्यवसायों को भी निश्चितता देता है जो वास्तव में हमारे देश में उच्च-कुशल श्रमिकों को लाना चाहते हैं, लेकिन सिस्टम के दुरुपयोग के कारण उन्हें कुचला गया है।

शुक्रवार को व्हाइट हाउस में घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए ट्रंप ने कहा कि प्रोत्साहन अमेरिकी कामगारों को नियुक्त करने के लिए है।

ट्रंप ने आगे कहा, हमें कामगारों की जरूरत है। हमें अच्छे कामगारों की जरूरत है और यह काफी हद तक इसकी पुष्टि करता है।

वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने भी ट्रंप के इस फैसले का बचाव करते हुए कहा कि यह नीति कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने से हतोत्साहित करेगी।

उन्होंने समझाया, पूरा विचार यह है कि अब ये बड़ी टेक कंपनियां या अन्य बड़ी कंपनियां विदेशी कर्मचारियों को प्रशिक्षित नहीं करेंगी। उन्हें सरकार को 1,00,000 डॉलर का भुगतान करना होगा, फिर उन्हें कर्मचारी को भुगतान करना होगा। इसलिए, यह आर्थिक रूप से लाभदायक नहीं है। आप किसी को प्रशिक्षित करने जा रहे हैं। आप हमारे देश के किसी विश्वविद्यालय से हाल ही में स्नातक हुए किसी व्यक्ति को प्रशिक्षित करने जा रहे हैं, अमेरिकियों को प्रशिक्षित करने जा रहे हैं। हमारी नौकरियां छीनने के लिए लोगों को लाना बंद करें। यही यहां की नीति है, एच-1बी वीजा के लिए प्रति वर्ष 1,00,000 डॉलर।

प्यू रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार, भारत में जन्मे श्रमिकों को 2023 में स्वीकृत कुल एच1-बी वीजा का लगभग 73 प्रतिशत प्राप्त हुआ, उसके बाद चीन को 12 प्रतिशत प्राप्त हुआ, जिसका मुख्य कारण स्वीकृतियों में भारी देरी और भारत से कुशल प्रवासियों की अधिक संख्या है।

--आईएएनएस

एससीएच/डीकेपी

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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