वेट लॉस ड्रग्स शराब की लत दूर करने में मदद कर सकते हैं: अध्ययन

वेट लॉस ड्रग्स शराब की लत दूर करने में मदद कर सकते हैं: अध्ययन

वेट लॉस ड्रग्स शराब की लत दूर करने में मदद कर सकते हैं: अध्ययन

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IANS
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Weight loss drugs may delay alcohol's effects, help people fighting addiction: Study

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। एक अध्ययन के अनुसार, डायबीटीज मैनेजमेंट और वजन घटाने के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली ओजेम्पिक और वेगोवी जैसी लोकप्रिय दवाएं शराब के सेवन को कम करने में भी प्रभावी हो सकती हैं।

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अमेरिका के वर्जीनिया टेक के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन किया जिसके मुताबिक जीएलपी-1 एगोनिस्ट रक्तप्रवाह में अल्कोहल के प्रवेश की गति को धीमा कर देते हैं और मस्तिष्क पर पड़ने वाले प्रभाव को भी कम करते हैं।

विश्वविद्यालय के फ्रैलिन बायोमेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के सहायक प्रोफेसर एलेक्स डिफेलिसएंटोनियो ने कहा, शराब पीने वाले जानते हैं कि एक गिलास वाइन पीने और व्हिस्की का एक शॉट पीने में अंतर होता है।

दोनों में से किसी भी एक की सर्विंग में 0.6 औंस अल्कोहल होता है, लेकिन एक शॉट रक्त में अल्कोहल की मात्रा में तेजी से वृद्धि करता है। दोनों का शरीर पर असर भी अलग पड़ता है।

डिफेलिसएंटोनियो ने कहा, इससे क्या फर्क पड़ता है? तेज असर करने वाली दवाओं के दुरुपयोग की संभावना ज्यादा होती है। उनका मस्तिष्क पर अलग प्रभाव पड़ता है। इसलिए अगर जीएलपी-1एस रक्तप्रवाह में अल्कोहल के प्रवेश को धीमा कर देते हैं, तो वे अल्कोहल के प्रभाव को कम कर सकते हैं और लोगों को कम शराब पीने में मदद कर सकते हैं।

20 प्रतिभागियों पर किए गए पायलट अध्ययन (ट्रायल स्टडी) में, टीम ने बताया कि सांस में अल्कोहल की सांद्रता (मात्रा) लगभग 0.08 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए गणना की गई शराब की समान खुराक लेने के बावजूद, सेमाग्लूटाइड, टिरजेपेटाइड या लिराग्लूटाइड लेने वाले प्रतिभागियों की मात्रा में वृद्धि धीमी रही।

उस समूह के प्रतिभागियों ने व्यक्तिपरक मापदंडों पर कम नशे का अनुभव होने की भी जानकारी दी।

टीम ने बताया कि जहां नाल्ट्रेक्सोन और एकैम्प्रोसेट जैसी अन्य दवाएं, जो अल्कोहल का सेवन कम करने में मदद करती हैं, केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर कार्य करती हैं, वहीं जीएलपी-1एस सेवन की इच्छा को दबाते पाए गए।

साइंटिफिक रिपोर्ट्स पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि ये दवाएं गैस्ट्रिक एम्प्टीइंग (पेट खाली करने में) होने की प्रक्रिया को धीमा कर देती हैं, जिससे रक्त में अल्कोहल की मात्रा में धीमी वृद्धि हो सकती है।

शोधकर्ताओं ने कहा, शराब की लत से जूझ रहे व्यक्तियों को नई आशा प्रदान करने की संभावना ही इस कार्य को इतना सार्थक बनाती है।

--आईएएनएस

केआर/

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