हम भूख से मर जाएंगे, हमारे ऊपर लटके पानी के बम को निष्क्रिय करना होगा : पाक सीनेटर

हम भूख से मर जाएंगे, हमारे ऊपर लटके पानी के बम को निष्क्रिय करना होगा : पाक सीनेटर

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IANS
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We would die of hunger, must defuse water bomb hanging over us: Pak Senator's desperate appeal over Indus treaty suspension

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

इस्लामाबाद, 23 मई (आईएएनएस)। पाकिस्तान के एक अन्य राजनेता ने शुक्रवार को शहबाज शरीफ सरकार से देश पर मंडरा रहे पानी बम को निष्क्रिय करने की अपील की। ​​यह पानी बम भारत द्वारा 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए जघन्य आतंकवादी हमले के बाद सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) को निलंबित करने के बाद देश पर मंडरा रहा है। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे।

पाकिस्तान के सीनेटर सैयद अली जफर ने शुक्रवार को सीनेट सत्र के दौरान अपने भाषण में कहा, अगर हम अभी जल संकट का समाधान नहीं करते हैं तो हम भूख से मर जाएंगे। सिंधु बेसिन हमारी जीवन रेखा है क्योंकि हमारे पानी का तीन-चौथाई हिस्सा देश के बाहर से आता है, 10 में से नौ लोग अपने जीवन के लिए सिंधु जल बेसिन पर निर्भर हैं, हमारी 90 प्रतिशत फसलें इसी पानी पर निर्भर हैं और हमारी सभी बिजली परियोजनाएं और बांध इसी पर बने हैं। यह हमारे ऊपर लटके पानी के बम की तरह है और हमें इसे निष्क्रिय करना होगा।

दरअसल, सिंधु जल संधि, जिस पर 1960 में हस्ताक्षर किए गए थे, भारत-पाकिस्तान के बीच छह नदियों, सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, व्यास और सतलुज, के पानी के बंटवारे को नियंत्रित करती है। पिछले कुछ हफ्तों से पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) और देश के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार के धमकी भरे और निराधार बयान के बाद, बौखलाया इस्लामाबाद, नई दिल्ली से संधि को स्थगित करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह कर रहा है।

हालांकि, अपने राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषाधिकार का हवाला देते हुए, भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक इस्लामाबाद सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से समाप्त नहीं कर देता, तब तक यह संधि स्थगित रहेगी।

पहलगाम आतंकी हमले के तुरंत बाद, रणनीतिक मामलों पर सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था, कैबिनेट सुरक्षा समिति (सीसीएस) ने इस कदम का समर्थन किया था, जो पहली बार नई दिल्ली द्वारा विश्व बैंक की मध्यस्थता वाले समझौते पर रोक लगाने का संकेत है।

जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बार-बार सरकार की इस अडिग स्थिति को रेखांकित किया कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते और आतंक और बातचीत एक साथ नहीं हो सकती।

--आईएएनएस

एससीएच/एबीएम

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