हम भारतीय डाक को लॉजिस्टिक्स पावरहाउस में बदलना चाहते हैं : ज्योतिरादित्य सिंधिया (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

हम भारतीय डाक को लॉजिस्टिक्स पावरहाउस में बदलना चाहते हैं : ज्योतिरादित्य सिंधिया (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

हम भारतीय डाक को लॉजिस्टिक्स पावरहाउस में बदलना चाहते हैं : ज्योतिरादित्य सिंधिया (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

author-image
IANS
New Update
Jitan Ram Manjhi

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 2 जुलाई (आईएएनएस)। केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को कहा कि सरकार भारतीय डाक के परिचालन को आधुनिक बनाने, लागत को सुव्यवस्थित करने और तेजी से विकसित हो रहे ई-कॉमर्स इकोसिस्टम में उपस्थिति को मजबूत करके, इसे लॉजिस्टिक्स पावरहाउस में बदलने के लिए काम कर रही है।

राष्ट्रीय राजधानी में आईएएनएस से डाक विभाग (डीओपी) में चल रहे सुधारों के बारे में विशेष रूप से बात करते हुए, सिंधिया ने खुलासा किया कि पिछले 12 महीनों में भारतीय डाक ने महत्वपूर्ण व्यावसायिक प्रक्रिया पुनर्रचना की है।

मंत्री ने आईएएनएस को बताया, विभाग ने लाभप्रदता, लागत-दक्षता और तकनीकी उन्नति पर ध्यान केंद्रित करने के लिए खुद को छह वर्टिकल और चार हॉरिजॉन्टल में पुनर्गठित किया है।

इसके साथ ही हर बिजनेस लाइन को कैसे प्रॉफिटेबिलिटी की तरफ हम लोग ले जाएं, उसी के साथ सूचना प्रौद्योगिकी टेक्नॉलॉजी किस तरह से अपनाएंगे। इस पर काम चल रहा है।

सिंधिया ने कहा, इस परिवर्तन को आगे बढ़ाने के लिए, हमने भारतीय डाक के इतिहास में पहली बार एक मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी (सीटीओ) की नियुक्ति की है।

केंद्रीय मंत्री ने आईएएनएस को बताया, इतिहास में पहली बार पोस्टल डिपार्टमेंट में चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर को नियुक्त किया गया है। हर एक वर्टिकल के साथ एक डिप्टी चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (सीटीओ) को भी नियुक्त किया गया है। हर एक वर्टिकल में हम लोग अपना कॉस्ट स्ट्रक्चर देख रहे हैं। हम लोग अपने प्रतियोगी के साथ अपने आप को कंपेयर कर रहे हैं और देख रहे हैं कि कैसे रेवेन्यू को हम लोग बढ़ा पाएं।

उन्होंने कहा कि इंडिया पोस्ट को भी हम लोग एक नई सर्विस के साथ तैनात कर रहे हैं, क्योंकि भारत में नहीं पूरे विश्व में किसी भी डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म के पास इतने ज्यादा टच प्वाइंट्स नहीं है, जितने भारतीय डाक के पास हैं।भारतीय डाक के पास 1,84,000 टच प्वाइंट्स हैं। इस कारण हम इस संस्था को एक लॉजिस्टिक्स पावरहाउस में परिवर्तित करना चाहते हैं।

इसके अतिरिक्त, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज विश्व के 46 प्रतिशत से ज्यादा डिजिटल लेनदेन भारत में होते हैं और इन लेनदेन की संख्या प्रतिवर्ष 1.7 बिलियन है। इन लेनदेन का मूल्य 3 ट्रिलियन डॉलर प्रतिवर्ष है। यह आंकड़े दिखाता है कि भारत एक फॉलोवर नहीं है, बल्कि डिजिटल लेनदेन में एक लीडर बन चुका है।

डिजिटल इंडिया के 10 वर्ष पूरे होने पर केंद्रीय मंत्री ने इसकी तुलना औद्योगिक क्रांति से करते हुए कहा कि आज से करीब 100 वर्ष पूर्व औद्योगिक क्रांति हुई थी, जिसमें विश्व में रेल-सकड़ आदि बनी थे, ठीक उसी प्रकार पिछले 10 वर्षों में देश में डिजिटल क्रांति हुई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 साल पहले इस डिजिटल क्रांति की भविष्यवाणी ही नहीं की थी, बल्कि कैसे इस डिजिटल क्रांति में देश आगे बढ़ेगा, इसके लिए पूरी एक रणनीति बनाई थी।

--आईएएनएस

एबीएस/जीकेटी

Advertisment

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
Advertisment