कोरियाई प्रायद्वीप पर तनाव: अमेरिकी कमांडर ने बताया दक्षिण कोरिया की रणनीतिक मजबूती का 'राज'

कोरियाई प्रायद्वीप पर तनाव: अमेरिकी कमांडर ने बताया दक्षिण कोरिया की रणनीतिक मजबूती का 'राज'

कोरियाई प्रायद्वीप पर तनाव: अमेरिकी कमांडर ने बताया दक्षिण कोरिया की रणनीतिक मजबूती का 'राज'

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IANS
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USFK commander says South Korea 'not simply responding to threats' on Korean Peninsula

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

सोल, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। दक्षिण कोरिया में तैनात अमेरिकी सेना के कमांडर ने सोमवार को सोल की रणनीतिक मजबूती का राज खोला! उन्होंने दावा किया कि वो कोरियाई प्रायद्वीप में किसी भी तरह के खतरे का जवाब इसलिए नहीं दे रहा क्योंकि ऐसा करने की अपील यूएस ने उससे की है।

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यूएस फोर्सेज कोरिया (यूएसएफके) के कमांडर जनरल जेवियर ब्रूनसन ने अमेरिका के साथ अलायंस (गठजोड़) को लेकर आयोजित एक फोरम में यह बात कही। उन्होंने नई यूएस नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रैटेजी का भी जिक्र किया साथ ही सोल और टोक्यो को फर्स्ट आइलैंड चेन की रक्षा के लिए सक्षम बनाने की बात कही। ये चेन पैसिफिक में चीन के खिलाफ अमेरिका को मजबूती देता है। कमांडर ने नॉर्थ कोरिया के बारे में कुछ नहीं कहा।

योनहाप न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, अपने संबोधन में ब्रूनसन ने कहा, हाल ही में यूएस नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रैटेजी दस्तावेज को जारी किया गया, जो न सिर्फ इस इलाके की बल्कि खुद कोरिया की भी अहमियत से रूबरू कराता है। यह इस बात पर भी जोर देता है कि इंडो-पैसिफिक को स्थिर और उम्मीद के मुताबिक बनाए रखने में एक जैसी सोच वाले साझेदार कितनी अहम भूमिका निभाते हैं।

उन्होंने आगे कहा, और उस मामले में, कोरिया सिर्फ प्रायद्वीप पर खतरों का जवाब नहीं दे रहा है। कोरिया बड़े रीजनल डायनामिक्स के चौराहे पर है जो पूरे नॉर्थईस्ट एशिया में शक्ति संतुलन को आकार देता है। रूस के साथ नॉर्थ कोरिया के मिलिट्री सहयोग के बारे में (खासकर यूक्रेन के खिलाफ मास्को के युद्ध में मदद के लिए नॉर्थ कोरिया के अपने सैनिकों को भेजने के बाद), ब्रूनसन ने कहा कि प्योंगयांग ने एक लंबे समय का स्ट्रेटेजिक फैसला लिया है।

ब्रूनसन ने कहा कि नॉर्थ कोरिया की रूस के साथ गहरी होती सैन्य साझेदारी, जैसे उन्नत टेक्नोलॉजी के लिए हथियारों का लेन-देन, ने नॉर्थ के मिसाइल और न्यूक्लियर प्रोग्राम को खतरनाक तरीकों से आगे बढ़ाया है।

और आप दूसरी ओर एक ऐसी सरकार देखते हैं जिसने एक लंबे समय का स्ट्रेटेजिक फैसला लिया है, न कोई अस्थाई मोलभाव का खेल खेला है।

22 दिसंबर को, साउथ कोरिया के विदेश मंत्री चो ह्यून ने कहा कि वह नॉर्थ कोरिया और दूसरे संबंधित देशों के साथ बातचीत करके कोरियन पेनिनसुला में शांति स्थापित करने के लिए काम करेंगे, और प्योंगयांग के साथ फिर से जुड़ने की सरकार की कोशिशों को दोहराया था।

चो ने साउथ कोरिया-यूएस पार्लियामेंटेरियन यूनियन द्वारा आयोजित एक समारोह में कहा था कि प्रायद्वीप पर सुरक्षा और शांति सुनिश्चित करने के लिए क्या किया जाना चाहिए, इस पर गहराई से सोचने का समय आ गया है।

--आईएएनएस

केआर/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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