अमेरिकी टैरिफ के बाद भारत रणनीतिक सुधार और मजबूत घरेलू मांग से करेगा दमदार वापसी : तुहिन सिन्हा

अमेरिकी टैरिफ के बाद भारत रणनीतिक सुधार और मजबूत घरेलू मांग से करेगा दमदार वापसी : तुहिन सिन्हा

अमेरिकी टैरिफ के बाद भारत रणनीतिक सुधार और मजबूत घरेलू मांग से करेगा दमदार वापसी : तुहिन सिन्हा

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IANS
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US tariffs: India set to bounce back bolstered by strategic reforms, robust domestic demand

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)। अमेरिका की ओर से भारत पर टैरिफ लगा दिए हैं, लेकिन मजबूत अर्थव्यवस्था के कारण देश की आर्थिक स्थिति पर इसका प्रभाव काफी मामूली होगी, क्योंकि पिछले एक दशक में हुए रणनीतिक सुधार और मजबूत घरेलू मांग देश की जीडीपी को लगातार सपोर्ट कर रहे हैं।

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बीजेपी राष्ट्रीय प्रवक्ता तुहिन सिन्हा के कहा कि दोनों देश के बीच ट्रेड डील पर बातचीत आपसी लाभ के उद्देश्य से शुरू हुई थी, लेकिन अमेरिका की महत्वाकांक्षी और अवास्तविक मांग के कारण यह रुक गई है।

एनडीटीवी में लिखे एक लेख में उन्होंने कहा, ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी कृषि उत्पादों, फार्मास्यूटिकल्स और टेक्नोलॉजी सर्विसेज के लिए बाजार खोलने की मांग की, जबकि भारत के स्टील, एल्युमीनियम और कपड़ा जैसे निर्यात पर अधिक टैरिफ लगाया। इन टैरिफ के साथ-साथ भारत के घरेलू पक्षकारों को खतरे में डालने वाली मांगों का सामना भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृढ़ नेतृत्व में दृढ़ता के साथ किया।

सरकार भी स्पष्ट कर चुकी है कि भारत किसी अन्य देश के दबाव या डेडलाइन में कोई ट्रेड डील नहीं करेगा। साथ ही, किसान, कृषि और डेयरी से जुड़े लोगों के हितों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

पिछले हफ्ते एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत के व्यापारिक निर्यात पर 25 प्रतिशत जुर्माना लगाना, और साथ ही दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त जुर्माना लगाने का प्रस्ताव, अमेरिका और उसके लोगों के लिए एक बुरा नीतिगत फैसला हो सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया कि भारत को रणनीतिक रूप से अपनी संप्रभुता की रक्षा करते हुए, अपने किसानों को चुनिंदा वैश्विक समूहों की शिकारी नीतियों से बचाना जारी रखना चाहिए, जो सस्टेनेबल मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण में बिना निवेश के और एग्री वैल्यू चेन फाइनेंसिंग को मजबूत किए बिना और हमारे कृषक समुदाय के लिए जीवन की सुगमता को प्रभावित करने वाली कल्याणकारी योजनाओं में भागीदार बने बिना, केवल मुनाफा कमाने के लिए प्रकिस्पर्धा करना चाहते हैं।

सिन्हा के अनुसार, यह टैरिफ संकट भारत को तकनीकी स्वायत्तता की अपनी खोज में तेजी लाने और अपनी वैश्विक बाजार पहुंच का विस्तार करने का एक रणनीतिक अवसर प्रदान करता है।

--आईएएनएस

एबीएस/

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