अमेरिका की यमन के हूती विद्रोहियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, 50 से ज्यादा ठिकानों पर एयर स्ट्राइक

अमेरिका की यमन के हूती विद्रोहियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, 50 से ज्यादा ठिकानों पर एयर स्ट्राइक

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IANS
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US-British coalition conducts 3 air strikes on Yemen: Houthi TV (representational photo)

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

अदन, 16 अप्रैल (आईएएनएस)। संयुक्त राज्य अमेरिका ने बुधवार को यमन में हूती ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए। अमेरिकी विमानों ने यमन के उत्तर, मध्य और पश्चिम के कई प्रांतों में 50 से अधिक हूती ठिकानों को निशाना बनाया। हूती समूह के अल-मसीरा टीवी ने यह जानकारी दी।

हालांकि हूती विद्रोहियों ने अमेरिकी एयर स्ट्राइक के चलते हताहतों की संख्या का खुलासा नहीं किया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी हमलों का जवाब दिया जाएगा।

समूह ने कहा कि वह इजरायल या संयुक्त राज्य अमेरिका से जुड़े जहाजों पर हमला करना जारी रखेगा।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया कि यूके समुद्री व्यापार परिचालन (यूकेएमटीओ) ने मंगलवार रात को बताया कि अदन से लगभग 100 समुद्री मील पूर्व में एक जहाज का कई छोटे जहाजों ने दो घंटे तक पीछा किया। छोटे जहाजों पर हथियारबंद शख्श सवार थे। मुठभेड़ के दौरान गोलियां भी चलाई गईं।

यूकेएमटीओ ने कहा, जहाज ने यमनी कोस्टलाइन की ओर अपना रास्ता बदल लिया। सभी चालक दल सुरक्षित और स्वस्थ हैं। जहाज अपने अगले बंदरगाह की ओर बढ़ रहा है।

यह कई महीनों में यूकेएमटीओ की तरफ क्षेत्र में रिपोर्ट की गई पहली ऐसी घटना है।

इससे पहले रविवार को, हूती ग्रुप ने घोषणा की कि उसने एक और अमेरिकी एमक्यू-9 ड्रोन को मार गिराया है, जो नवंबर 2023 के बाद से उसका निशाना बना 19वां ड्रोन है।

हूती सैन्य प्रवक्ता याह्या सरिया ने अल-मसीरा टीवी परर प्रसारित एक बयान में कहा, उत्तर-पश्चिमी यमन में हज्जाह प्रांत के हवाई क्षेत्र में शत्रुतापूर्ण मिशन पर आए एक अमेरिकी एमक्यू-9 ड्रोन को मार गिराया गया।

सरिया ने कहा कि ड्रोन को स्थानीय रूप से निर्मित जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल के जरिए निशाना बनाया गया। उन्होंने दावा किया कि अमेरिकी हमलों ने समूह की सैन्य क्षमताओं को कम नहीं किया है।

अमेरिका ने 15 मार्च को हूती बलों के खिलाफ अपने हवाई अभियान को फिर से शुरू किया। वाशिंगटन के मुताबिक इन हमलों का उद्देश्य समूह को लाल सागर में इजरायली और अमेरिकी नौसैनिक संपत्तियों के खिलाफ हमले शुरू करने से रोकना था।

--आईएएनएस

एससीएच/एमके

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