वित्त वर्ष 26 में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी भारत की जीडीपी, शहरी मांग और टैक्स में कटौती से मिलेगा सहारा : एक्सपर्ट्स

वित्त वर्ष 26 में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी भारत की जीडीपी, शहरी मांग और टैक्स में कटौती से मिलेगा सहारा : एक्सपर्ट्स

वित्त वर्ष 26 में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी भारत की जीडीपी, शहरी मांग और टैक्स में कटौती से मिलेगा सहारा : एक्सपर्ट्स

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IANS
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Strength of domestic demand works for economy, India poised to sustain growth momentum: Economic Review

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 31 जुलाई (आईएएनएस)। भारत की विकास दर वित्त वर्ष 2025-26 में 6.5 प्रतिशत के करीब रह सकती है और इसे ब्याज दरों और इनकम टैक्स में कटौती एवं बढ़ती हुई शहरी मांग से फायदा मिल सकता है। यह जानकारी एक्सपर्ट्स की ओर से दी गई।

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पीडब्ल्यूसी में पार्टनर्स रानेन बनर्जी और मनोरंजन पटनायक ने नोट में कहा कि वित्त वर्ष 26 में खुदरा महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुमान 3.7 प्रतिशत से कम रह सकती है। इसके कारण केंद्रीय बैंक के पास 25 आधार अंक से लेकर 50 आधार अंक तक रेट कट की पर्याप्त जगह है।

पीडब्ल्यूसी के एक्सपर्ट्स का मानना है कि मौद्रिक नीति में नरमी और टैक्स कटौती का अर्थव्यवस्था पर देर से, लेकिन सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

बनर्जी ने कहा कि इन कारणों से वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही की कॉर्पोरेट आय पहली तिमाही की तुलना में बेहतर रहने की संभावना है।

पीडब्ल्यूसी के एक्सपर्ट्स ने निरंतर सार्वजनिक पूंजीगत व्यय के महत्व पर भी जोर दिया।

बनर्जी ने कहा कि सरकार को लगातार उच्च आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए अगले दशक तक इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश की गति को बनाए रखना होगा।

ग्रामीण मोर्चे पर अन्य एक्सपर्ट पटनायक ने कहा कि ग्रामीण मजदूरी में लगातार इजाफा हो रहा है, जिससे ग्रामीण उपभोग को बढ़ावा मिलने और समग्र आर्थिक गतिविधि को समर्थन मिलने की उम्मीद है।

उन्होंने आगे कहा कि सामान्य से बेहतर मानसून से कृषि क्षेत्र को लाभ होने की संभावना है, जिससे ग्रामीण मांग में और वृद्धि होगी। हालांकि, निर्यात को लेकर आउटलुक सतर्क बना हुआ है।

पीडब्ल्यूसी ने बताया कि राष्ट्रीय लेखा आंकड़ों के अनुसार, नॉमिनल निर्यात वृद्धि वित्त वर्ष 25 की चार में से तीन तिमाहियों में 10 प्रतिशत से नीचे रही है।

उन्होंने चेतावनी दी कि वैश्विक व्यापार अनिश्चितता का जारी रहना भारत के निर्यात प्रदर्शन के लिए एक संभावित चुनौती है।

वित्त मंत्रालय ने हाल ही में जारी की एक रिपोर्ट में कहा, घरेलू अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही की शुरुआत तुलनात्मक रूप से मजबूत स्थिति में कर रही है। साथ ही बताया कि वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में घरेलू आपूर्ति और मांग मजबूत रही है। वहीं, मुद्रास्फीति निर्धारित सीमा के भीतर और मानसून की प्रगति योजना के अनुसार रही है।

--आईएएनएस

एबीएस/

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