संयुक्त राष्ट्र प्रमुख की सदस्य देशों से अपील, 'सैन्य खर्च और विकास जरूरतों में बनाएं संतुलन'

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख की सदस्य देशों से अपील, 'सैन्य खर्च और विकास जरूरतों में बनाएं संतुलन'

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख की सदस्य देशों से अपील, 'सैन्य खर्च और विकास जरूरतों में बनाएं संतुलन'

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IANS
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UN chief urges member states to rebalance military spending and development needs

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

संयुक्त राष्ट्र, 10 सितंबर (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सदस्य देशों से सैन्य खर्च और विकास संबंधी प्राथमिकताओं में संतुलन बनाने का आह्वान किया है। एंटोनियो गुटेरेस ने बताया कि 2024 में वैश्विक सैन्य खर्च रिकॉर्ड 2.7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जो दुनिया के सबसे धनी देशों द्वारा दी जाने वाली आधिकारिक विकास सहायता से लगभग 13 गुना है।

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संयुक्त राष्ट्र प्रमुख गुटेरेस ने मंगलवार को एक नई रिपोर्ट द सिक्योरिटी वी नीड: रीबैलेंसिंग मिलिट्री स्पेंडिंग फॉर अ सस्टेनेबल एंड पीसफुल फ्यूचर के लॉन्च के दौरान कहा, यह स्पष्ट है कि अत्यधिक सैन्य खर्च शांति की गारंटी नहीं देता। यह अक्सर शांति को कमजोर करता है, हथियारों की दौड़ को बढ़ावा देता है, अविश्वास को गहरा करता है और स्थिरता के मूल आधारों से संसाधनों को हटा देता है।

उन्होंने जोर देकर कहा, एक सुरक्षित दुनिया की शुरुआत तब होती है जब हम युद्ध लड़ने जितना ही निवेश गरीबी से लड़ने में भी करते हैं।

एंटोनियो गुटेरेस ने बताया कि 2024 में वैश्विक सैन्य खर्च रिकॉर्ड 2.7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो दुनिया के सबसे धनी देशों द्वारा दी जाने वाली आधिकारिक विकास सहायता से लगभग 13 गुना और 2024 में संयुक्त राष्ट्र के नियमित बजट से 750 गुना अधिक है।

उन्होंने चेतावनी दी कि सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के केवल पांचवें हिस्से ही सही दिशा में हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय घाटा बढ़ रहा है और निष्क्रियता की लागत भी बढ़ रही है।

गुटेरेस ने कहा कि यह रिपोर्ट प्राथमिकताओं पर पुनर्विचार और वैश्विक निवेश को उस सुरक्षा की ओर संतुलित करने का आह्वान है, जो दुनिया को वास्तव में चाहिए।

रिपोर्ट के अनुसार, अगर मौजूदा रुझान जारी रहे, तो 2035 तक वैश्विक सैन्य खर्च 4.7 ट्रिलियन से 6.6 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। संसाधनों का इतना बड़ा हिस्सा सैन्यीकरण की ओर मोड़ना मानवता के भविष्य के लिए गंभीर खतरा है, क्योंकि यह सतत शांति और विकास को कमजोर करता है।

--आईएएनएस

एफएम/

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