संयुक्त राष्ट्र प्रमुख गुटेरेस ने किया शेख हसीना को मौत की सजा दिए जाने का विरोध

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख गुटेरेस ने किया शेख हसीना को मौत की सजा दिए जाने का विरोध

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख गुटेरेस ने किया शेख हसीना को मौत की सजा दिए जाने का विरोध

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IANS
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UN chief Guterres opposes death penalty for Sheikh Hasina

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

संयुक्त राष्ट्र, 18 नवंबर (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सुनाई गई मौत की सजा का विरोध किया है। उनके प्रवक्ता स्टेफन दुजारिक ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र हर स्थिति में मौत की सजा के खिलाफ खड़ा होता है।

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दुजारिक ने यह बात अपनी दैनिक प्रेस ब्रीफिंग में एक सवाल के जवाब में कही। शेख हसीना इस समय भारत में निर्वासन में हैं और उनके खिलाफ यह फैसला उनकी गैरहाजिरी में सुनाया गया।

दुजारिक ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क के एक बयान का हवाला दिया और कहा कि हम मृत्युदंड के उनके विरोध से पूरी तरह सहमत हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह फैसला पिछले वर्ष बांग्लादेश में प्रदर्शनों को दबाने के दौरान हुई गंभीर अत्याचारों के पीड़ितों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है।

शेख हसीना को मौत की सजा एक स्थानीय अदालत ने दी है, जिसने स्वयं को “अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण” नाम दिया है। यह अदालत सिर्फ बांग्लादेशी न्यायाधीशों से बनी है और उसने उन्हें “मानवता के खिलाफ अपराध” का दोषी माना है। यह न्यायाधिकरण मूल रूप से बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानियों और उनके स्थानीय सहयोगियों पर मुकदमा चलाने के लिए बनाया गया था।

बाद में इस अदालत को देश पर नियंत्रण रखने वाले गैर-निर्वाचित नेता मुहम्मद यूनुस और उनके समर्थकों ने फिर से सक्रिय किया, ताकि शेख हसीना और अन्य नेताओं पर पिछले वर्ष छात्र प्रदर्शनों को दबाने के आरोपों में मुकदमा चलाया जा सके। इन प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना को देश छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी थी।

तुर्क की प्रवक्ता रवीना शामदासानी ने जिनेवा में जारी एक बयान में कहा कि शेख हसीना और उनके गृह मंत्री असदुज्जमान खान कमाल के खिलाफ फैसले उन पीड़ितों के लिए महत्वपूर्ण हैं, जिनके साथ गत वर्ष भारी अत्याचार हुए। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र इस मुकदमे की कार्यवाही से पूरी तरह अवगत नहीं था। किसी भी मुकदमे में निष्पक्ष सुनवाई और अंतरराष्ट्रीय कानूनी मानकों का पालन होना अत्यंत जरूरी है, जब अभियुक्त गैरहाजिर हो और उसे मौत की सजा सुनाई जा सकती हो।

--आईएएनएस

एएस/

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