बांग्लादेश में सांसद ट्यूलिप सिद्दीक पर मुकदमा, यूके के वकीलों ने बताया 'मनगढ़ंत और अनुचित'

बांग्लादेश में सांसद ट्यूलिप सिद्दीक पर मुकदमा, यूके के वकीलों ने बताया 'मनगढ़ंत और अनुचित'

बांग्लादेश में सांसद ट्यूलिप सिद्दीक पर मुकदमा, यूके के वकीलों ने बताया 'मनगढ़ंत और अनुचित'

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IANS
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UK lawyers condemn MP Tulip Siddiq's trial in Bangladesh as 'contrived and unfair'

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

लंदन, 26 नवंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के अलावा उनके परिजनों के खिलाफ भी कोर्ट में मामला दर्ज कराया गया है। इनमें बहन शेख रेहाना और उनकी बेटी ट्यूलिप सिद्दीक का नाम भी शामिल है। ट्यूलिप ब्रिटिश सांसद हैं इसलिए कुछ जाने माने ब्रिटिश वकीलों ने इसका विरोध किया है। उन्होंने इसे मनगढ़ंत और अनुचित बताया है।

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यह बयान बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, उनकी बहन शेख रेहाना और रेहाना की बेटी ट्यूलिप सिद्दीक समेत 17 लोगों से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में फैसले से पहले आया है। खबर है कि ढाका की एक कोर्ट 1 दिसंबर को फैसला सुनाएगी। ब्रिटिश सांसद ट्यूलिप पूर्व मंत्री भी रही हैं।

बड़े ब्रिटिश अखबार, द गार्जियन ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इस मसले को लेकर यूके में बांग्लादेश की उच्चायुक्त आबिदा इस्लाम को चिट्ठी लिखी गई। इसमें यूके के पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन के समय जस्टिस सेक्रेटरी रहे रॉबर्ट बकलैंड केसी और पूर्व अटॉर्नी जनरल डोमिनिक ग्रीव भी शामिल हैं। इन सभी ने अपने खत में दलील दी कि सिद्दीक को ट्रायल के दौरान उनके मूलभूत अधिकारों से वंचित रखा गया। उनके खिलाफ आरोपों के बारे में जानकारी नहीं दी गई या फिर उन तक कानूनी मदद नहीं पहुंचाई गई।

खत में लिखा गया है, यह मुकदमा पूरी तरह से मनगढ़ंत और अनुचित है।

वकीलों ने बांग्लादेश में मौजूदा आपराधिक कार्रवाई पर गहरी चिंता जताई। ये सब कुछ ऐसे समय में कहा जा रहा है जब अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने वाले मुहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश में कानून और न्याय के राज का बार-बार दावा किया है।

खत में बताया गया, क्योंकि वह यूके में रहती है और यूके की नागरिक है, इसलिए वह साफ तौर पर भगोड़ी नहीं हैं। वह संसद की चुनी हुई सदस्य हैं, जिनसे हाउस ऑफ कॉमन्स में संपर्क किया जा सकता है, और अगर उनके प्रत्यर्पण की मांग का आधार सही है तो उन्हें आरोपों का सामना करने के लिए बांग्लादेश भेजा जा सकता है। इस मामले में सिद्दीक को न उनके खिलाफ लगाए आरोपों के बारे में बताया गया और न ही सबूत पेश किए गए हैं, इतना ही नहीं उन्हें कानूनी मदद भी लेने नहीं दी गई।

इसमें आगे कहा गया, बांग्लादेश में जिस वकील को उन्होंने अपना केस लड़ने के लिए रखा था उसे हाउस अरेस्ट कर लिया गया, और सिद्दीक को यह भी पता लगा कि वकील की बेटी को धमकाया गया था।

वकीलों के अनुसार, ये घटनाक्रम यूनुस के सत्ता में आने के बाद से बांग्लादेश की कानूनी प्रक्रिया में दखलंदाजी और डराने-धमकाने की रिपोर्टों से मेल खाते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि सत्ता में बैठे लोग सिद्दीक पर आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगातार लगा रहे हैं। उनके खिलाफ खूब मीडिया कवरेज हो रही है।

वकीलों ने कहा, सभी हालात को देखते हुए, हमें लगता है कि सिद्दीक की गैर-मौजूदगी में ट्रायल गलत है। हम इसे लेकर फिक्रमंद हैं। हम चिंतित हैं कि उन्हें अपना बचाव करने का सही मौका नहीं मिला, या फिर यूं कहें कि उन्हें कोई मौका ही नहीं मिला और उनकी गैर-मौजूदगी में ही बेवजह ट्रायल चल रहा है जो अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नहीं है।

उन्होंने बांग्लादेशी अधिकारियों से निष्पक्ष ट्रायल पक्का करने के लिए इन चिंताओं को दूर करने की अपील की।

इस खत के बाद सिद्दीक ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कहा, मैं बांग्लादेश में क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम—जो अब मुझे दोषी ठहराने वाला है—की बुनियादी कमियों को सामने लाने के लिए जाने-माने वकीलों और कानूनविदों के इस क्रॉस-पार्टी ग्रुप की शुक्रगुजार हूं।

--आईएएनएस

केआर/

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