भारत के साथ दशकों की साझेदारी को ट्रंप ने 'तहस-नहस' किया : पूर्व अमेरिकी एनएसए बोल्टन

भारत के साथ दशकों की साझेदारी को ट्रंप ने 'तहस-नहस' किया : पूर्व अमेरिकी एनएसए बोल्टन

भारत के साथ दशकों की साझेदारी को ट्रंप ने 'तहस-नहस' किया : पूर्व अमेरिकी एनएसए बोल्टन

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IANS
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Trump ‘shredding’ decades of outreach towards India, says former US NSA Bolton

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

वाशिंगटन, 2 सितंबर (आईएएनएस)। डोनाल्ड ट्रंप की पहली सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे जॉन बोल्टन ने भारत के प्रति ट्रंप प्रशासन की नीतियों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने भारत के साथ दशकों से चली आ रही साझेदारी को तहस-नहस कर दिया।

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पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने स्काई न्यूज को दिए साक्षात्कार में कहा कि डोनाल्ड ट्रंप ने हाल के हफ्तों में भारत के साथ दशकों की साझेदारी को बिगाड़ दिया है। ट्रंप ने भारत को रूस और चीन के करीब जाने के लिए मजबूर किया है।

उन्होंने बताया कि ट्रंप 2.0 से पहले, अमेरिका ने भारत को शीत युद्ध के दौरान सोवियत संघ और चीन के साथ उसके लगाव से दूर करने की कोशिश की थी।

उन्होंने आगे कहा कि पश्चिमी देश, खासकर अमेरिका, दशकों से भारत को सोवियत संघ और रूस से पुराने रिश्तों, खासकर हथियारों की खरीद, से दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने भारत को चीन के खतरे के बारे में चेतावनी दी, जिसका प्रतीक एशियाई सुरक्षा चतुर्भुज (जापान, भारत, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका) है।

बोल्टन ने यह भी बताया कि ट्रंप प्रशासन ने कई कदम उठाए, जैसे व्यापार वार्ताओं को अचानक रोकना, जिससे भारत नाराज हुआ।

जॉन बोल्टन ने कहा कि भारत सोच रहा था कि वह ट्रंप के साथ व्यापार समझौते के करीब है, जैसा कि ब्रिटेन ने किया, लेकिन ट्रंप ने इसे नजरअंदाज कर 25 फीसदी टैरिफ लगा दिया। इसके बाद ट्रंप ने भारत पर अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ थोप दिया। उन्होंने रूस पर कोई टैरिफ नहीं लगाया। ट्रंप ने चीन, जो रूसी तेल और गैस का सबसे बड़ा खरीदार है, पर कोई टैरिफ नहीं लगाया।

बोल्टन ने दावा किया कि ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष का पूरा श्रेय लेने की कोशिश की, जिससे स्थिति और खराब हो गई।

उन्होंने कहा कि कश्मीर में हुए एक आतंकी हमले के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा, तो स्थिति पहले बिगड़ी, लेकिन बाद में शांत हो गई। ट्रंप ने इसका पूरा श्रेय खुद लिया और कहा कि उन्होंने इस साल छह या सात युद्ध रोके, जिसके लिए वे नोबेल शांति पुरस्कार के हकदार हैं। इससे भारत बहुत नाराज है।

बोल्टन इस समय मौजूदा सरकार की नजर में हैं। पिछले हफ्ते उनके घर और दफ्तर पर छापेमारी की गई। अमेरिकी मीडिया के अनुसार, छापेमारी का कारण बोल्टन के पास गोपनीय दस्तावेजों का होना बताया जा रहा है।

--आईएएनएस

पीएसके/एबीएम

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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